President Ramnath Kovind in Gorakhpur: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने शनिवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, पिछली बार जब वे 10 दिसंबर 2018 को गोरखपुर आए थे, तो गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज (City of Knowledge) के रूप में विकसित करने की परिकल्पना को साकार करने की बात कही थी. महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से गोरखपुर को सिटी ऑफ नॉलेज की तरह विकसित करने की बात कही थी और आज जब उन्होंने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया तो उनके मुंह से बरबस ही निकल गया कि जिस सिटी ऑफ नॉलेज बनाने की बात उन्होंने 10 दिसंबर 2018 को की थी, संतों की गोरक्षनगरी ठीक उसी तरह विकसित होते हुए दिख रही है. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय उसी परिकल्पना का एक स्वरूप है. गोरक्षपीठ के साथ महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसके लिए बधाई देता हूं. 


सिटी ऑफ नालेज का सपना पूरा


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया. इस अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, गुरु गोरखनाथ सहित सिद्ध योगियों की तपोभूमि गोरखपुर में आकर हर्ष की अनुभूति हो रही है. पिछली गोरखपुर यात्रा के दौरान 10 दिसम्बर 2018 को महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह में सिटी आफ नालेज बनाने का जो विश्वास प्रकट किया था, वो पूरा होता दिख रहा है. उन्होंने कहा कि गुरु गोरखनाथ, मुंशी प्रेमचंद, रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी, हनुमान प्रसाद पोद्दार और विद्यानिवास मिश्र जैसे ऋषि मनीषियों और महापुरुषों की पावन धरती पर आकर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लोकार्पण करना मेरे लिए सुखद अनुभूति का क्षण है. 


महायोगी गुरु गोरखनाथ की प्रशंसा


महायोगी गोरखनाथ विश्विद्यालय उसी की कड़ी है. राप्ती और रोहिन के तट पर बसी संतों की नगरी गोरक्षपीठ सदियों से धार्मिक और आद्यात्मिक पुनर्जागरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. नाथ पंथ आज भारत और विदेशों में भी योग के प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोक कल्याण में लगा हुआ है. गुरु की महिमा से ओत-प्रोत से नाथ पंथ के महायोगी गुरु गोरखनाथ जैसा प्रभावशाली कोई दूसरा नहीं हुआ. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी ऐसी परिकल्पना की गई है. जिसमें विद्यार्थियों को संस्कारी बनाने के साथ रोजगारपरक शिक्षा देना है. 1932 में स्थापित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के 50 शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं. मुझे विश्वास है कि कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल योग, संस्कार और शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को रोजगारपरक कोर्स के साथ जोड़ेंगे. ज्ञानवान विद्यार्थियों और शिक्षकों के माध्यम से ये विश्विद्यालय मील का पत्थर साबित होगा.


उच्च शिक्षा के साथ संस्कार 


यूपी की राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि, भारतीय संस्कृति, धर्म, समाज के लिए संयम का जीवन जीने वाले गोरखनाथ जी की नगरी संतों की नगरी रही है. गोरखनाथ मंदिर की संस्था ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद ने शिक्षा के साथ चिकित्सा को भी बढ़ावा दिया है. गोरखपुर को सिटी ऑफ नालेज बनाने का लक्ष्य राष्ट्रपति जी ने ही दिया था. जिसे सीएम योगी आदित्यनाथ उसे आगे ले जा रहे हैं. शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना नहीं बल्कि राष्ट्र के प्रति समर्पित होने के साथ तकनीक में भी आगे बढ़ना होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति नवाचार, भारत की परंपरा, कौशल विकास में समन्वय स्थापित करने का अवसर दिया गया है. ये पूरी तरह से भारतीय संस्कृति को दर्शाती है. केजी से लेकर पीजी तक कि शिक्षा पर प्रकाश डाला गया है. रुचि के हिसाब से उपाधि प्राप्त करने का विकल्प दिया गया है. विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के साथ संस्कार भी सिखाएगा.


शिक्षा की अलख


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के लोकार्पण कार्यक्रम में राष्ट्रपति, प्रथम महिला, राज्यपाल और अन्य अतिथियों का स्वागत करता हूं. आप सब जानते हैं जब देश परतन्त्र था, उस काल मे महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना करके ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ ने शिक्षा की अलख जगाई थी. महिला महाविद्यालय की स्थापना के बाद इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शिक्षा के साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ा. राष्ट्रपति ने 2018 में गोरखपुर को सिटी ऑफ नालेज बनाने का संकल्प दिया था, ये उसी का प्रतिफल है. विश्विद्यालय के लोगों ने अपने उद्देश्य को स्पष्ट कर लोकपथ के अनुगामी बनने और लोक कल्याणी बनने का मार्ग ऋग्वेद के मंत्र को जीवन का हिस्सा बनाकर जीवन को समर्पित करने का उद्देश्य प्रकट करता है. 


एक का शिलान्यास दूसरे का लोकार्पण


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, गोरखपुर और पूर्वांचलवासियों के लिए अद्भत घटना है. एक विश्विद्यालय का शिलान्यास और दूसरे का लोकार्पण किया गया है. नई शिक्षा नीति में निजी भागीदारी सुनिश्चित हुई है. मोदीजी ने नई शिक्षा नीति लाकर धर्माथ संस्थाओं को आगे लाया है. महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद भी उसी परिकल्पना को साकार किया है. शिक्षा परिषद और विश्विद्यालय अपने संकल्पों को साकार करेगा. सीएम योगी ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद और राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल का स्वागत किया. इस अवसर पर उन्होंने महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को तैयार करने वाले अभियंताओं को सम्मानित भी किया.


इसके पूर्व महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेई ने सभी का स्वागत किया और विश्वविद्यालय के स्वरूप पर प्रकाश डाला.



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