राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को गोरखपुर को दो विश्‍वविद्यालयों की सौगात देंगे. इनमें से महायोगी गोरखनाथ विश्‍वविद्यालय का वे लोकार्पण करेंगे. गोरखनाथ मंदिर की शै‍क्षणिक संस्‍था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की ओर से संचालित महायोगी गोरखनाथ विश्‍वविद्यालय पूर्वांचल के चिकित्‍सा के क्षेत्र में करियर बनाने वाले विद्यार्थियों के लिए मील का पत्‍‍थर साबित होगा. सोनबरसा में बनकर तैयार हो चुके महायोगी गोरखनाथ विश्‍वविद्यालय में एमबीबीएस समेत 30 विषयों की पढ़ाई अगले पांच साल में शुरू हो जाएगी. नर्सिंग और पैरामेडिकल की पढ़ाई पहले से ही चल रही है. इस सत्र से बीएएमएस की 100 सीटों पर प्रवेश होगा. विश्‍वविद्यालय का लोकार्पण होते ही यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ इसके कुलाधिपति बन जाएंगे.


महायोगी गोरखनाथ विश्‍वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल बाजपेई ने बताया कि इस विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति महंत योगी आदित्‍यनाथ हैं. डॉ. अतुल बाजपेई को कुलपति और डॉ. प्रदीप राव को कुलसचिव बनाया गया है. परिसर में गोरक्षपीठ की शै‍क्षणिक संस्था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित नर्सिंग कालेज में पहले से ही 600 बच्‍चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. बीएएमएस में 150 विद्यार्थियों का प्रवेश इस सत्र में होगा. अगले सत्र से अन्‍य रोजगारपरक कोर्स को संचालित किया जाएगा. इस विश्‍वविद्यालय को 52 एकड़ जमीन उपलब्‍ध कराई गई है. इसका बाद में विस्‍तार होगा.


महायोगी गोरखनाथ विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप राव ने बताया कि महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्‍यक्ष और पूर्व कुलपति प्रो. यूपी सिंह को प्रति कुलाधिपति बनाया गया है. इस निजी विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी को बनाया गया है. महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक आदर्श विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. इस विश्वविद्यालय में इसी सत्र से प्रवेश के साथ अध्यापन कार्य भी शुरू होने वाला है. विश्वविद्यालय कार्यसमिति का प्रस्तावित प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है.


गोरखपुर के महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के प्राचार्य डॉ. प्रदीप राव को कुलसचिव नियुक्त किया गया है. डॉक्टर राव ने बताया कि कार्यसमिति में आठ सदस्य हैं. डॉ. राव ने बताया कि इसके अलावा मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर डॉ. सीएम सिन्हा एवं डॉ. एसएन सिंह को कार्य समिति में स्थान मिला है. राज्य सरकार की ओर से संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा ब्रह्मदेव, विश्वविद्यालय की ओर से गुरु श्री गोरक्षनाथ कालेज ऑफ नर्सिंग की प्रधानाचार्य डॉ. डीएस अजीथा, सह आचार्य के रूप में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय बीएड विभाग की प्रोफेसर शोभा गौड़ सम्मिलित हैं. 


महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय जिले का तीसरा विश्वविद्यालय बन जाएगा. विश्वविद्यालय के लिए खरीदी गई भूमि को विनियमित करने पर पिछले मार्च माह में ही कैबिनेट की बैठक में मुहर लग चुकी है. शासन द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने विश्वविद्यालय परिसर का मौका मुआयना किया था. जिसमें शासन के मानक पर विवि पूरी तरह खरा पाया गया. करीब 52 एकड़ में अत्याधुनिक संसाधनों के साथ स्थापित होने वाले इस विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को बाजारोन्मुखी और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का विकल्प तो मिलेगा. इसके साथ ही शोधार्थियों को शोध की सुविधा भी प्रदान की जाएगी.


विवि में ये कोर्स किए जाएंगे संचालित 


विश्‍वविद्यालय में विद्यार्थी बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीडीएस, एमबीबीएस, बीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), डीफार्मा (आयुर्वेद व एलोपैथ), बीएससी एलटी, बीए/बीएससी यौगिक साइंस, बीएससी एजी, बीए ऑनर्स, बीएससी ऑनर्स (मैथ व बायो), बीएससी कंप्यूटर, बीकॉम, बीएड, बीएससी-बीएड, बीए-बीएड, बीपीएड, पैरा मेडिकल का सर्टिफिकेट, बीसीए, बीबीए, डिप्लोमा और डिग्री कोर्स, शास्त्री ऑनर्स की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे. तकरीबन नौ दशक से पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा का उजियारा फैला रही गोरक्षपीठ ने गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के रूप में नया और विशाल प्रकाश स्तम्भ तैयार कर दिया है. राष्ट्रीयता और भारतीय संस्कृति के आवरण में शिक्षा से सेवा और स्वावलंबन इसकी विशिष्ट पहचान होगी. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित होने जा रहा गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय सीएम गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में भारतीय ज्ञान परंपरा का युगानुकूल प्रतिनिधि बनेगा.


प्राथमिक से लेकर उच्च और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गोरक्षपीठ के अधीन सेवारत महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा करीब चार दर्जन शैक्षिक संस्थानों का संचालन किया जाता है. मुख्यमंत्री गोरक्षपीठ के वर्तमान नेतृत्वकर्ता योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोरखनाथ के नाम पर एकीकृत विश्वविद्यालय की परिकल्पना की और उसे साकार रूप भी दे दिया है. चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गुरु श्री गोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग की शुरुआत तो उन्होंने पहले ही कर दी थी. अब कला, विज्ञान, वाणिज्य और कृषि की उच्च शिक्षा के साथ चिकित्सा विज्ञान की विशेषतापूर्ण शिक्षा के लिए नया विश्वविद्यालय स्थापित कर दिया है.


बीएएमएस की 100 सीटों पर शुरू होगी पढ़ाई


रोजगारपरक शिक्षा के नए मॉडल के रूप में विकसित हो रहे गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में इसी सत्र से बीएएमएस की 100 सीटों पर पढ़ाई शुरू हो जाएगी. इसे लेकर भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से मान्यता भी मिल चुकी है. इसका प्रबंधन इस विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोरखनाथ इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस की तरफ से किया जाएगा. यहां बीएससी और एमएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग, एएनएम, जीएनएम में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्‍भ कर दी गई है. इसी सत्र से डिप्‍लोमा इन लैब टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन ऑप्‍टोमेट्री, डिप्‍लोमा इन आर्थोपेडिक एंड प्‍लास्‍टर टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन इमरजेंसी एंड ट्रामा केयर टेक्निशियन, डिप्‍लोमा इन डायलिसिस टेक्निशियन और डिप्‍लोमा इन एनेस्थिसिया एंड क्रिटिकल केयर टेक्निशियन की भी प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्‍भ होने जा रही है. 


जानिए क्या है कुलाधिपति के रूप में सीएम योगी की मंशा


गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में सीएम योगी की मंशा अगले पांच सालों में एमबीबीएस समेत 30 नए नावचरित और विशिष्ट पाठ्यक्रमों का संचालन करने की है, ताकि इस विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर उत्कृष्ट बनाया जाए. महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की लोक साधना का बहुआयामी यह विश्वविद्यालय सामान्य पाठ्यक्रमों के अलावा मेडिकल और पैरा मेडिकल शिक्षा के हब के तौर पर विकसित किया जा रहा है. सभी पाठ्यक्रम वर्तमान एवं भविष्य के युग की आवश्यकता के अनुसार होंगे लेकिन इसमें पूरी तरह भारतीयता का पुट होगा.


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