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संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अखिलेश यादव बोले- ये सरकार का भाषण होता है
अनुच्छेद 87 के अधीन भारत के राष्ट्रपति हर लोकसभा की नई शुरूआत पर दोनों सदनों को संबोधित करते हैं. इसी क्रम में गुरुवार को 18वीं लोकसभा की शुरुआत के चौथे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया.
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Akhilesh Yadav News: 18वीं लोकसभा के चौथे दिन संसद के दोनों सदनों- राज्यसभा और लोकसभा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित किया. इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को सरकार का भाषण बताया. सपा प्रमुख ने कहा कि यह परंपरा है और यह हमेशा होता है. हम सब सुनते(राष्ट्रपति का भाषण) हैं. वो दरअसल सरकार का भाषण होता है.
अनुच्छेद 87 के तहत राष्ट्रपति लोक सभा के लिए प्रत्येक साधारण निर्वाचन के पश्चात प्रथम सत्र के आरंभ में एक साथ समवेत संसद के दोनों सदनों में अभिभाषण करेगा और संसद को उसके आह्वान के कारण बताएगा.
राष्ट्रपति ने अभिभाषण में क्या कहा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा, "देश में छह दशक के बाद पूर्ण बहुमत वाली स्थिर सरकार बनी है. लोगों ने इस सरकार पर तीसरी बार भरोसा जताया है. लोग जानते हैं कि सिर्फ यही सरकार उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सकती है.18वीं लोकसभा कई मायनों में ऐतिहासिक लोकसभा है. इस लोकसभा का गठन अमृतकाल के शुरुआती वर्षों में हुआ था. यह लोकसभा देश के संविधान को अपनाने के 56वें वर्ष की भी साक्षी बनेगी.आगामी सत्रों में यह सरकार अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश करने जा रही है. यह बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा. बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसलों के साथ-साथ इस बजट में कई ऐतिहासिक कदम भी देखने को मिलेंगे."
राष्ट्रपति ने कहा, "मेरी सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों -विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है. PLI योजनाओं और व्यापार करने में आसानी से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है."
सेंगोल हटाने की मांग पर अखिलेश यादव की पहली प्रतिक्रिया, कहा- जब पीएम ही भूल गए तो उनकी भी इच्छा.
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