गोरखपुर, नीरज श्रीवास्तव. लॉकडाउन में सब्जियों के बढ़ते दामों ने आम आदमी को डबल झटका दिया है. सब्जियों के आसमान छूते दामों ने लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है. सब्जियों के दाम अब लोगों के बजट के पार चले गए हैं. ऐसे में उन्‍हें ये समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्‍या खरीदें और क्‍या न खरीदें. अधिकतर लोगों को जरूरत से कम ही सब्जियां खरीदकर घर वापस जाना पड़ रहा है. आलम ये है कि पहले के मुकाबले आधी सब्जियां खरीदकर ही काम चलाना पड़ रहा है.


साहबगंज के पटेश्‍वरी बाजार में दामों की पड़ताल
एबीपी गंगा ने गोरखपुर के बाजार में सब्जियों के दामों की पड़ताल की. सब्जियों की पुरानी मंडी साहबगंज के पटेश्‍वरी बाजार में बंदी के कारण काम चल रहा है. यही वजह है कि अधिकतर दुकानदारों को सब्जियों का बाजार सड़क पर लगाना पड़ रहा है. यहां सब्जियां बेच रहीं राधिका देवी बताती हैं "सब्जियों के दाम बढ़े हैं. परवल थोक में 60 से 70 रुपए और फुटकर में 80 से 100 रुपए तक बिक रहा है. गोल बैंगन थोक में 40 रुपए और 50 से 60 रुपए बिक रहा है. नेनुआ 20 रुपए किलो थोक में और फुटकर में 25 से 30 रुपए बिक रहा है. वहीं, भिण्‍डी थोक में 25 रुपए और फुटकर में 30 रुपए बिकेगा."


उन्होंने बताया कि शिमला मिर्च के दाम 100 रुपये किलो पहुंच गया है. वहीं, टमाटर थोक में 50 और फुटकर में 60 रुपए बिक रहा है.


दाम बढ़ने की वजह बाढ़ भी
सब्‍जी मण्‍डी के मालिक मनोज कुमार गुप्‍ता ने सब्जियों के दाम बढ़ने की वजह बाढ़ को भी बताया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि एक से डेढ़ महीने में दाम घटेंगे. वहीं, राजकुमार डालमिया बताते हैं कि आलू 32 और टमाटर 60 रुपए किलो लिए हैं. सब्जियां बाहर से आ रही हैं. एकाएक रेट बढ़े हैं.


पहले के मुकाबले कम बिक रही सब्जियां
बाजार आने वाले लोग अब कम सब्जियों में ही काम चला रहे हैं. सब्जी खरीदने आए अतुल बताते हैं कि आलू 140 रुपए का 5 किलो मिल रहा है. अब पहले की अपेक्षा कम सामान लेकर जा रहे हैं.


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