रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत पर कोरोना महामारी की अनदेखी और केदारनाथ धाम के लोगों के साथ अन्याय करने का आरोप लगया है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि कोरोना की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही मंत्री केदारनाथ पहुंचे. मंत्री को ऐसा नहीं करना चाहिए. यदि केदारनाथ धाम में बीमारी फैलती है तो इसकी जिम्मेदारी उनकी ही होगी.


तीर्थ पुरोहितों में गुस्सा
दरअसल, मंगलवार को प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री डॉ धन सिंह रावत केदारनाथ पहुंचे थे. उन्होंने वहां पूजा-अर्चना करने के बाद पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था. साथ ही तीर्थ पुरोहितों से वार्ता करके उनकी समस्याएं भी सुनीं. इस बीच डॉ धन सिंह रावत पूर्व केन्द्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती के संपर्क में भी आए थे. केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों को मंत्री के केदारनाथ धाम से चले जाने के बाद उनके कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिली. सूचना मिलने के बाद केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों में गुस्सा है.


सदबुद्धि दें बाबा केदार
केदारसभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला का कहना है कि मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने केदारनाथ के लोगों के साथ अन्याय किया है. जब उनकी कोरोना रिपोर्ट आई ही नहीं थी तो उन्हें केदारनाथ नहीं आना चाहिए था. उन्होंने कहा कि मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने सरासर गलत करते हुए अन्याय किया है. बाबा केदार से प्रार्थना है कि उन्हें सद्बुद्धि दें. वो जनता के साथ ऐसा अन्याय न करें. जो कानून बना रहे हैं, वही लोग कानून के भक्षक भी बने हुए हैं.


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