उन्नाव. यूपी में कोरोना का प्रभाव बेशक कम हुआ हो, लेकिन अभी भी हालात बहुत ज्यादा सुधरे नहीं हैं. वहीं, उन्नाव जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. आलम ये है कि कोरोना काल में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर बीते 25 दिनों से ताला लटका है. जिले के कंजौरा और उसके आस-पास के गावों में बीते कुछ दिनों में कई लोगों की मौत हो चुकी है. इन सभी में कोरोना के लक्षण थे. 20 हजार की आबादी के लिए लाइफ लाइन साबित होने वाला पीएचसी विभाग की लापरवाही की पोल खोल रहा है. 


बता दें कि उन्नाव जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर सरोसी ब्लॉक के गांव कजौरा में लगभग 20 साल पहले नया पीएचसी भवन का निर्माण किया गया है. जहां डॉक्टर को ठहरने व मरीजों के भर्ती होने के बेड तक तक का इंतजाम है. पीएचसी से 5 से 7 किलोमीटर के एरिया में आने वाले कई गांव 20 हजार की आबादी के लिए पीएचसी ही एकमात्र स्वास्थ्य सुविधा के लिए लाइफ लाइन है. मौजूदा समय में कोरोना के सबसे ज्यादा संक्रमण गांव में फ़ैल रहा है. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ग्रामीणों के स्वास्थ्य को लेकर अंजान बने हुए हैं. 


पीएचसी बंद होने पर ग्राम प्रधान संदीप यादव ने बताया की यहां डॉक्टर तो छोड़िये, चपरासी तक नहीं आता. उन्होंने दावा करते हुए कहा की ज्यादातर मौतें बुखार, खांसी की वजह से हुई हैं. 


क्या बोले अधिकारी
सीएमओ कैप्टन डॉ. आशुतोष कुमार ने कहा कि अगर ऐसा है तो गांव में ट्रेसिंग अभियान चलाकर जांच कराई जाएगी. सरोसी सीएचसी प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि कंजौरा ग्राम प्रधान से संपर्क कर पीड़ितों की जांच कराई जाए. वहीं डॉक्टर की समस्या का हल भी किया जा रहा है.


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