Kashi Vishwanath Corridor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज काशी विश्ननाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन का मुहूर्त दोपहर 1 बजे से 1.30 बजे के बीच का है. पीएम मोदी जल मार्ग से ललिता घाट तक आएंगे. ललिता घाट से गंगा जल लेकर वो मंदिर परिसर में आएंगे. पूजा के लिए देशभर की प्रमुख नदियों का जल मंगाया गया है. इन पवित्र नदियों के जल के साथ पूजन विधि सम्पन्न होगी.
इस कार्यक्रम के मद्देनजर यहां के अधिकतर निवासियों और घरेलू पर्यटकों में काफी उत्साह है, जिसे देखते हुए वाराणसी में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रतिष्ठित मंदिर के पास सड़कों पर नक्काशीदार लैम्प पोस्ट पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें ‘‘इस परियोजना के दृष्टिकोण को साकार करने’’ के लिए मोदी की प्रशंसा की गई है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि मोदी अपराह्न लगभग एक बजे मंदिर जाएंगे और लगभग 339 करोड़ रुपये की लागत से बने श्री काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे.
काशी विश्ननाथ कॉरिडोर में क्या है खास?
गंगा के घाट से लेकर मंदिर के गर्भगृह तक इस तरह पूरे परिसर को विकसित किया गया है. मंदिर के प्रवेश द्वार से लेकर मंदिर परिसर के अंदर जो कुछ भी बनाया जा रहा है, वो भव्य है.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में कुल 24 भवन बनाए जा रहे हैं. इस परिसर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूज़ियम, वाराणसी गैलरी, यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तक केन्द्र, पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक भवन, जलपान केन्द्र, अन्न क्षेत्र और दुकानें नजर आएंगी.
काशी विश्वनाथ मंदिर के चारों तरफ़ एक परिक्रमा पथ भी बनकर तैयार हो चुका है. इसके अलावा जो प्राचीन मंदिर थे, उनको भी कॉरिडोर में संरक्षित कर रखा गया है.
आया है इतना खर्च -
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण से लेकर निर्माण तक करीब 600 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के लिए मन्दिर के आसपास के करीब 40 हज़ार वर्गमीटर क्षेत्र का अधिग्रहण किया गया.
करीब 125 छोटे-बड़े मन्दिर और विग्रहों को इस कॉरिडोर में एक श्रृंखला के तौर पर स्थापित किया गया है. यानि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में प्राचीन चीज़ों का पूरा रखरखाव किया गया है ताकि इस भव्यता के साथ प्राचीनता कहीं खो ना जाए.
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