1.

मेरे राजनीतिक और अध्यात्मिक जीवन को दिशा देने में, मुझे गढ़ने में काशी का बहुत बड़ा योगदान है। काशी मेरे लिए सिर्फ दो अक्षर नहीं हैं, बल्कि मेरे रोम-रोम में बसे अध्यात्म, धर्म और संस्कृति की एक अविरत प्रेरणा है।

2.

जिस काशी पर बाबा विश्वनाथ मोहित हों, उसे किसी की क्या आवश्यकता है। पर मेरा जीवन काशी और काशीवासियों के कुछ काम आ सका, इसका मुझे संतोष है।

3.

काशी के धार्मिक और ऐतिहासिक महात्म्य में एक ईंट भी जोड़ना बहुत बड़ा सौभाग्य होता है। मेरी काशी के लोगों ने मुझे ये मौका देकर मेरा जीवन धन्य कर दिया।

4.

मुझे इस बात का गर्व है कि पिछले पांच वर्षों में जनभागीदारी के साथ वाराणसी शहर विकास की नई राह पर चल पड़ा है। आवास, शौचालय, मुफ्त एलपीजी, बिजली कनेक्शन, वाराणसी ने हर क्षेत्र में आदर्श उदाहरण पेश किए हैं।

5.

दीनदयाल हस्त कला संकुल के निर्माण से हस्तशिल्पियों और बुनकरों के परंपरागत हुनर को विश्व के बाजारों में जगह मिली है। दो नए कैंसर अस्पताल काशीवासियों और इस पूरे क्षेत्र के लिए राहत बनकर आए हैं।

6.

बाबा विश्वनाथ से मां गंगा के दर्शन हों, काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण हो या काशी के घाटों की रौनक, हर कोई आज काशी के इस रूप से अभिभूत है।

7.

जब मैंने काशी पर लिखने के लिए अपनी कमल उठाई तो कुछ ही शब्द लिख पाया। पुरातन, पुनीत, परिमल काशी, अडिग, अप्रतिम, अविरल काशी। निरंतर, निविघ्न, निर्मल काशी, विशिष्ठ, विकसित, विमल काशी।

8.

पिछले पांच वर्षों में हम सबने मिलकर बहुत कुछ किया है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है और मिलजुलकर करना है। हमारा संकल्प है कि विकास की इस गति को थमने नहीं देना है।

9.

आज हर काशीवासी स्वयं में नरेन्द्र मोदी बनकर चुनाव लड़ रहा है और चुनाव लड़ा भी रहा है।

10.

मैं ये कहना चाहता हूं कि आप भी लोकतंत्र के इस उत्सव में जरूर शामिल होना। वोट देने जरूर जाइएगा। अपने आस-पड़ोस में भी सभी को वोट करने के लिए प्रेरित कीजिएगा।