नई दिल्ली, एबीपी गंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम 6 बजे देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान अयोध्या मामले में आए सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का जिक्र किया। जानिए, मोदी ने अपने संबोधन के दौरान क्या-क्या कहा।




  • राम मंदिर के निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है, अब देश के हर नागरिक पर राष्ट्र निर्माण की जवाबदारी और बढ़ गई है। एक नागरिक के तौर पर हम सभी पर देश की न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान, नियम कायदों का सम्मान करना, ये दायित्व भी पहले से अधिक बढ़ गया है: पीएम

  • इन सारी बातों को लेकर कभी भी, कहीं भी किसी के मन में कोई भी कटुता रही हो तो उसे भी तिलांजलि देने का दिन है। नए भारत में भय, कटुता, नकारात्मकता का कोई स्थान नहीं है: पीएम मोदी

  • आज अयोध्या पर फैसले के साथ ही 9 नवंबर की ये तारीख हमें साथ रहकर आगे बढ़ने की सीख भी दे ही है। आज के दिन का संदेश जोड़ने का है-जुड़ने का है और मिलकर जीने का है: पीएम मोदी

  • 'सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले के पीछे दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई है। इसलिए, देश के न्यायधीश, न्यायालय और हमारी न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं।'

  • भारत की न्यायपालिका के इतिहास में भी आज का ये दिन एक स्वर्णिम अध्याय की तरह है। इस विषय पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सबको सुना और बहुत धैर्य से सुना और पूरे देश के लिए खुशी की बात है कि सर्वसम्मति से फैसला दिया: पीएम मोदी

  • फैसला आने के बाद जिस प्रकार हर वर्ग, हर समुदाय और हर पंथ के लोगों सहित पूरे देश ने खुले दिल से इसे स्वीकार किया है, वो भारत की पुरातन संस्कृति, परंपराओं और सद्भाव की भावना को प्रतिबिंबित करता है: पीएम

  • पूरी दुनिया ये तो मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है, लेकिन आज दुनिया ने ये भी जान लिया है कि भारत का लोकतंत्र कितना जीवंत और मजबूत है: पीएम मोदी

  • आज सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे महत्वपूर्ण मामले पर फैसला सुनाया है, जिसके पीछे सैकड़ों वर्षों का दीर्घकालीन इतिहास है। पूरे देश की इच्छा थी कि इस मामले की अदालत में रोज सुनवाई हो, जो हुई और आज निर्णय आ चुका है। दशकों तक चली न्याय प्रकिया का अब समापन हो गया है: मोदी

  • सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला दिया है, इसके पीछे सैकड़ों वर्षों का इतिहास है : मोदी

  • भारत विविधता में एकता के लिए जाना जाता है : पीएम


संबोधन से पहले मोदी ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, यह समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।


'फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण'
पीएम मोदी ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहाद्र्रपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।


सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
अयोध्या में मंदिर निर्माण को शनिवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पांच जजों की बेंच की अगुवाई कर रहे जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुये विवादित जमीन रामलला को दी। साथ ही उन्हें कानूनी मान्यता दे दी। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार से सलाह कर सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दी जाए। तीन महीने में ट्रस्ट बनाकर इसकी प्रक्रिया शुरू करें। साथ ही केंद्र सरकार मंदिर निर्माण के लिये 3 महीने में विवादित क्षेत्र के लिए एक ट्रस्ट बनाये। ट्रस्ट मंदिर का निर्माण व प्रबंधन और विकास देखेगा। बैलेंस कायम करने के लिए सरकार मुस्लिमों को मस्जिद बनाने के लिए अन्य जगह पर जमीन दें।