इटावा, एबीपी गंगा। 15 दिन से लापता शिक्षक का शव उसके ही शिक्षक दोस्त के घर दफन मिला। पुलिस ने कमरे में खुदाई करवा कर शव को निकाला। मृतक की पत्नी, शिक्षक दोस्त व उसके एक रिश्तेदार को गिरफ्तार कर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त फावड़ा बरामद किया है। पुलिस का दावा है कि पत्नी और शिक्षक दोस्त के प्रेम संबंधों में बाधक बनने पर सुनील को जिंदगी गंवानी पड़ गई। दोनों से पूछताछ के बाद ही शव बरामद हो सका।


प्रेम संबंधों में बाधक


एसएसपी संतोष कुमार मिश्रा ने रविवार को हत्याकांड का खुलासा किया। बताया कि शिक्षक सुनील (40) पुत्र महाराज सिंह नायक बसरेहर के माखनपुर के रहने वाले थे। पत्नी रेखा का मायका कानपुर देहात के रूरा में है। वह वहीं के गुलाबपुर भोरा गांव के प्राथमिक स्कूल में शिक्षामित्र है, जबकि खुद सुनील प्राथमिक स्कूल केशवपुर में पढ़ाते थे। कुसैली गांव के सुखवीर सिंह यादव पुत्र उर्फ अलकेश पुत्र छत्तर सिंह से उनकी थी। सुखवीर भी भरथना के बरसैड़ा उच्चतर माध्यमिक स्कूल में शिक्षक है। घर आने-जाने में ही सुखवीर का रेखा से लगाव हो गया था। उनके प्रेम संबंधों में सुनील बाधक थे, इसीलिए दोनों ने हत्या की साजिश रच डाली।


सोते समय की हत्या


एसएसपी ने बताया कि सुखवीर ने दस हजार रुपये का लालच देकर औरैया के एरवाकटरा के बंजाराहार गांव निवासी रिश्तेदार राम प्रकाश यादव को भी साजिश में शामिल कर लिया। हत्या का पहला प्रयास सफल नहीं हुआ तो सुखवीर ने 30 मई को फिर कोशिश की। वह सुनील को अपने गांव ले गया। रात में सोते समय फावडे़ से हत्या कर दी। शव को गड्ढे में दफन करने से पहले केरोसिन डालकर आग भी लगाई।



दिखावे के लिए परिजनों के देता रहा साथ


एसएसपी ने बताया कि सुखवीर ने ही सुनील की कार कानपुर सेंट्रल पर खड़ी कर अज्ञात नंबर से परिजनों को सूचना दी थी। वह दिखावे के लिए ही परिजनों के साथ खोजबीन भी कराता रहा। इसी दौरान पुलिस को उस पर शक हुआ। सुखवीर से पूछताछ की गई, फिर रेखा से। इसके बाद सुनील का शव बरामद किया गया। एसएसपी ने स्वाट और चौबिया थाना पुलिस को दस हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया।