अलीगढ़. यूपी के अलीगढ़ स्थित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य ने कहा है कि वह नहीं बता सकते कि हाथरस गैंगरेप की पीड़िता को सफदरजंग अस्पताल में क्यों भर्ती किया गया. जबकि अलीगढ़ अस्पताल की तरफ से उसे दिल्ली स्थित एम्स के लिए रेफर किया गया था.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर शाहिद अली सिद्दीकी ने गुरुवार को कहा, "हमने पीड़िता को दिल्ली स्थित एम्स के लिए रेफर किया था. अब हम यह नहीं बता सकते कि उसे सफदरजंग अस्पताल में क्यों भर्ती कराया गया."
"परिवार ने जताई थी एम्स रेफर करने की इच्छा"
उन्होंने कहा, "28 सितंबर की रात को परिवार ने युवती को एम्स के लिए रेफर करने की इच्छा जताते हुए इसकी अनुमति मांगी थी. अगली सुबह परिजन पीड़िता को लेकर दिल्ली रवाना हो गए थे." इससे पहले, बुधवार को जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा था, "इस मामले में हाथरस जिला प्रशासन ही कुछ बता सकता है। हमारा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है."
प्रोफेसर सिद्दीकी ने कहा, "आमतौर पर किसी मरीज को बेहतर चिकित्सा सुविधा के लिए दूसरे अस्पताल स्थानांतरित करने का फैसला डॉक्टर उसके परिजन से सलाह-मशविरा करके लेते हैं, लेकिन हाथरस कांड की पीड़िता के मामले में परिवार के लोग खुद फैसला लेना चाहते थे. उन्हें ऐसा करने का अधिकार भी है और ऐसे मामलों में हम हमेशा सहयोग करते हैं."
"मामले में अटकलों की गुंजाइश नहीं"
वारदात के दौरान पीड़िता को आई चोटों के सिलसिले में मीडिया में परस्पर विरोधाभासी खबरें प्रसारित होने के बारे में पूछे जाने पर प्राचार्य ने साफ कहा, ‘‘इस मामले में किसी तरह की अटकलबाजी की गुंजाइश नहीं है और हम इस मामले में अपनी रिपोर्ट सिर्फ जांच अधिकारी या अदालत को ही देने के लिए अधिकृत हैं."
बतादें कि 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था. लड़की को पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी.
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