देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में नाबालिग बच्ची ने बच्चे को जन्म दिया तो प्राइवेट अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से नवजात के पेरेंट्स ही बदल दिए गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. अस्पताल प्रशासन ने फर्जी डॉक्यूमेंट तैयार कर बच्चे को अन्य लोगों को दे दिया. मामला सामने आने पर थाना नेहरू कॉलोनी पुलिस ने बच्चे को लेने वाले दीपक कुमार और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से करवाई गई जांच
मामले में एसपी सिटी सरिता डोभाल का कहना है कि जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से पुलिस को एक नवजात शिशु की खरीद-फरोख्त की जानकारी मिली है. मामले की जांच एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट से करवाई गई है. पता लगा कि एक नाबालिग लड़की जो 17 साल की है, उसके साथ एक नाबालिग लड़के ने शारीरिक संबंध बनाए. लड़की गर्भवती हुई तो रिंग रोड स्थित रुद्राक्ष अस्पताल में उसकी डिलीवरी कराई गई.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
डिलीवरी में अस्पताल ने मिलीभगत करते हुए बच्चा उसके बजाय किसी और से जन्मा दिखा दिया. उनके ही दस्तावेज बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए भेज दिए. शुरुआती जांच में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस ने पॉक्सो और अन्य संबंधित धाराओं में बच्ची को गोद लेने वाले दीपक कुमार, अस्पताल संचालक और नाबालिग युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
सामने आई अस्पताल की लापरवाही
बिना कानूनी प्रक्रिया के बच्चे को लेने के इस मामले में गोद लेने वाले दीपक कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है. अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. अस्पताल में डिलीवरी के बाद नाबालिग लड़की ने नवजात को जन्म दिया लेकिन सब कुछ पता होने के बावजूद भी अस्पताल प्रशासन ने संबंधित विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं दी.
खरीद-फरोख्त का हो सकता है मामला
मामले को लेकर खरीद-फरोख्त के एंगल पर भी पुलिस जांच कर रही है. ये भी आशंका जताई जा रही है कि मामला नवजात की खरीद-फरोख्त से भी जुड़ा हो सकता है. हालांकि, इसको लेकर पुलिस की विवेचना अभी जारी है.
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