नोएडा.बलराम पांडे. उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोएडा में एक बार फिर निजी अस्पतालों की लापरवाही सामने आई. यहां एक कोरोना संदिग्ध मरीज का सैंपल लेने के बाद उसे घर भेज दिया गया और सुबह करीब 6 बजे उसकी मौत हो गई. यही नहीं जब दिन में रिपोर्ट आई तो वो कोरोना पॉजिटिव निकला.
आपको बता दें कि सेक्टर 82 केंद्रीय विहार के रहने वाले एक शख्स को एक सप्ताह पहले जुखाम-बुखार और बदन दर्द की शिकायत हुई. जिससे उन्हें लगा कि शायद उन्हें कोरोना हो गया. जिसके बाद वो प्राइवेट हॉस्पिटल के चक्कर लगाते रहे ताकि उनका टैस्ट जल्दी हो जाये. क्योंकि सरकारी अस्पताल में भीड़ ज्यादा होने की वजह से समय बहुत लगता था लेकिन उनका टैस्ट किसी निजी अस्पताल में नहीं हो पाया.
सैंपल लेकर भेज दिया
इसके बाद किसी ने उन्हें सलाह दी कि ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल चले जाएं, वहां आपका टैस्ट जल्द हो जायेगा. जिसके बाद वह शख्स शारदा अस्पताल गया. जहां उसका सैंपल लेकर उसे भर्ती करने के बजाय घर भेज दिया गया, जबकि ICMR की गाइडलाइंस के मुताबिक सैंपल के बाद मरीज को घर नहीं भेजा जा सकता है, लेकिन अस्पताल ने ये किया और मरीज को घर भेज दिया. जिसके बाद 9 जून की सुबह करीब 6 बजे वे वॉशरूम के लिए गए लेकिन वो वहीं गिर गये और उनकी मौत हो गई.
मौत की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को हुई तो वो अपनी टीम के साथ खुद ही मौके पर पहुंचे और उन्होंने शव को गाइड लाइंस के मुताबिक सुरक्षित कवर के भीतर रखकर अंतिम संस्कार के लिए भेजा. हालांकि इस पूरे प्रकरण पर परिजनों से बात नहीं हो पाई है क्योंकि सभी क्वारन्टीन हैं. वहीं मृतक के बेटे के मित्र लोकेश कश्यप ने यह पूरी घटना सिलसिलेवार तरीके से बतायी.
कोरोना महामारी को लेकर निजी अस्पतालों का ये रवैया कितने लोगों की जान खतरे में डाल सकता है। जबकि सभी को ये पता है कि ये घातक बीमारी बेहद संक्रामक है. प्राइवेट अस्पताल इस तरह का कृत्य करेंगे तो लोगों का विश्वास इन अस्पतालों से उठ जायेगा. वहीं इस पूरे मामले की जानकारी जब जिलाधिकारी को हुई तो उनका कहना है पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी और दोष साबित होने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.