किसान महापंचायत में शामिल हुईं प्रियंका गांधी, कहा- बीजेपी सरकार किसानों का कर रही शोषण
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्राइवेट मंडियों में एमएसपी नहीं मिलेगी, कुछ समय बाद एमएसपी ही बंद हो जाएगी. ये कानून आपकी भलाई के लिए नहीं बल्कि मोदी के खरबपति मित्रों के लिए बनाए गए हैं.
मेरठ: कांग्रेस की ओर से लगातार कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है. साथ ही किसानों का समर्थन भी कांग्रेस खुलेआम कर रहे है. इस बीच कांग्रेस नेता और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के मेरठ पहुंचीं, जहां कांग्रेस पार्टी की किसान महापंचायत हो रही थी. इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार किसानों का शोषण कर रही है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्राइवेट मंडियों में एमएसपी नहीं मिलेगी, कुछ समय बाद एमएसपी ही बंद हो जाएगी. ये कानून आपकी भलाई के लिए नहीं बल्कि मोदी के खरबपति मित्रों के लिए बनाए गए हैं. दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे हो गए हैं. अगर कानून किसान के हित में हैं तो किसान सड़क पर क्यों बैठे हैं?
उन्होंने कहा कि क्या किसान इस लायक नहीं है कि आप जाकर उनसे मिल सकें? प्रधानमंत्री मोदी चीन से लेकर पाकिस्तान तक घूम कर आए गए हैं. हम दो हमारे दो, दो मित्र सरकार चला रहे हैं. जो मजबूती सौ दिनों में दिखाई है, वही मजबूती बनाए रखिए. सरकार को सुनना ही पड़ेगा. ऐसा माहौल बनाइए कि बिना आपकी सुनवाई के सरकार आगे नहीं बढ़ पाएगी.
गन्ने का पैसा बकाया
प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है. पीएम मोदी ने 16 हजार करोड़ रुपये में दो हवाई जहाज खरीदे हैं. संसद के सुंदरीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. बकाया देने की बजाय हवाई जहाज खरीद रहे हैं. आपके बीमे से हजारों करोड़ रुपये खरबपतियों की जेब में गए हैं.
उन्होंने कहा कि 215 किसान शहीद हुए. संसद में राहुल गांधी ने शहीद किसानों के लिए मौन रखने को कहा. सरकार का कोई सांसद किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं खड़ा हुआ है. पीएम मोदी ने आपका मजाक उड़ाया है. किसानों के बारे में उल्टे सीधे शब्द कहे. आंदोलनजीवी और परजीवी कहा है.
प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे लिए ये वोट की राजनीति नहीं है. हम आपके कर्जदार हैं. आप अन्नदाता हैं. आपकी लड़ाई मेरी लड़ाई है. जब तक जीवन है, तब तक आपके लिए लड़ती रहूंगी. चाहे सौ हफ्ते हो जाएं या सौ महीने. जब सरकार काले कानूनों को रद्द नहीं करती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा.
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