प्रयागराज, मोहम्मद मोईन। कोरोना की महामारी के बीच लॉकडाउन की मुश्किलों से जूझ रहे गरीबों और परेशान लोगों की मदद के लिए तमाम लोग सामने आ रहे हैं। कोई ज़रूरतमंदों को खाना मुहैया करा रहा है, तो कोई राशन। सड़कों पर उतरकर गरीबों के लिए दो जून की रोटी का इंतजाम करने वालों में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनकी अपनी खुद की ज़िंदगी शरीर की दिव्यांगता की वजह से अधूरी है, लेकिन वह फिर भी वह परेशान लोगों के लिए मसीहा बनकर दिन -रात एक किये हुए हैं। ऐसे अनूठे कर्मवीरों में संगम नगरी प्रयागराज की नसीमा बेगम भी हैं, जो मूक बधिर होने की वजह से न तो बोल सकती हैं और न ही सुन सकती हैं।



कांग्रेस पार्टी की कार्यकर्ता नसीमा अपने घर -परिवार की खुशियों की कुर्बानी देकर दिनभर लोगों को ज़रूरत का सामान मुहैया करा रही हैं। दिव्यांग नसीमा अपने अनूठे काम और मकसद की वजह से सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी हुई हैं। खुद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नसीमा को चिट्ठी भेजकर उनके हौसले की तारीफ की है।


30 साल की नसीमा बेगम प्रयागराज के बहादुरगंज मोहल्ले की रहने वाली हैं। वह जन्म से ही दिव्यांगता की शिकार हैं। वो न तो बोल सकती हैं और न ही सुन सकती हैं। उनके कान काम नहीं करते, लेकिन लॉकडाउन की बंदिशों में वह लोगों के दर्द को महसूस कर रही हैं। उनकी ज़ुबान में धार नहीं है, लेकिन इन दिनों वह रोज़ाना तमाम ज़रूरतमंदों के पेट भरने में जुटी हुई हैं। नसीमा लोअर मिडिल क्लास से हैं। उनकी खुद की माली हालत भी बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के बाद उन्होंने अपनी बचत के सारे पैसे निकाल लिए। बच्चों के गुल्लक फोड़ दिए और जब इतने से भी दिल नहीं भरा तो ब्याज पर पैसे लेकर लोगों की मदद करने में मशगूल हैं।



वह रोज़ाना दो शिफ्ट में पति इरशाद उल्ला के साथ निकलकर पड़ोस के ज़रूरतमंदों के बीच जाती हैं। किसी को खाना पहुंचाती हैं, तो किसी को राशन। घर के करीब ड्यूटी करने वाले कोरोना सेनानियों को चाय देती हैं, तो शाम के वक्त बिस्किट बांटती हैं। अपनी इस अनूठी दरियादिली की वजह से वह सोशल मीडिया में ज़बरदस्त तरीके से छाई हुई हैं। खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के महानगर अध्यक्ष नफीस अनवर के मार्फ़त नसीमा को चिट्ठी भेजी हुई है। इस चिट्ठी में उन्होंने नसीमा के काम की तारीफ करते हुए कहा है कि शारीरिक कमज़ोरी कभी किसी नेक काम में आड़े नहीं आ सकती। प्रियंका गांधी की शाबासी भरी चिट्ठी मिलने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता नसीमा के हौसलों को पंख लग गए हैं। अब वह और जोश व उत्साह के साथ लोगों की मदद करने का इरादा रखती हैं।


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