नई दिल्ली, एबीपी गंगा। जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की घटना को लेकर इंडिया गेट पर सांकेतिक धरने पर बैठीं प्रियंका गांधी का धरना खत्म हो गया है। धरना खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं तानाशाही है। नागरिकता कानून संविधान के खिलाफ है, इसके लागू करके सरकार गलत कर रही है
प्रियंका गांधी ने जामिया मिलिया इस्लामिया में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश का माहौल 'खराब' हो गया है, देश का वातावरण खराब है। पुलिस विश्वविद्यालय में घुसकर (छात्रों को) पीट रही है। सरकार संविधान से छेड़छाड़ कर रही है। हम संविधान के लिए लड़ेंगे।'
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इस बात पर जवाब देना चाहिए कि कल विश्वविद्यालय में क्या हुआ? किसकी सरकार ने छात्रों के साथ मारपीट की? उन्हें डूबती अर्थव्यवस्था पर बोलना चाहिए। उनकी पार्टी के विधायक ने एक लड़की के साथ बलात्कार किया, उन्होंने उस पर बात क्यों नहीं की?
रविवार को भी प्रियंका गांधी ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 'इस सरकार को जनता की आवाज से डर है, इसलिए वे छात्रों पर पत्रकारों को दबा कर अपनी मौजूदगी दर्ज कर रही है।' रविवार की रात किए गए एक ट्वीट में प्रियंका गाधी ने कहा कि 'पीएम को युवाओं की आवाज सुननी होगी। उन्होंने कहा- 'देश की यूनिवर्सिटीज में घुसकर उसके अंदर छात्रों को पीटा जा रहा है। ऐसे समय में जब सरकार को जनता की आवाज सुननी चाहिए, उस वक्त बीजेपी सरकार नॉर्थ ईस्ट, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छात्रों और पत्रकारों पर जुल्म ढा रही है। यह सरकार डरपोक है।'
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की जामिया मिलिया इस्लामिया के समीप न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में पुलिस के साथ झड़प हो गई, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी की चार बसों और दो पुलिस वाहनों में आग लगा दी थी। झड़प में छात्रों, पुलिसकर्मियों और दमकलकर्मी समेत करीब 60 लोग घायल हुए थे। पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोमवार को कड़कड़ाती ठंड में जामिया के प्रवेश द्वार के बाहर कमीज उतारकर प्रदर्शन भी किया।
जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई और प्रदर्शन पर वीसी डॉक्टर नजमा अख्तर ने अफसोस जताया है। उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों पर जो कार्रवाई हुई है इससे हम आहत हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जामिया में हुई हिंसा का नुकसान कैसे होगा। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि किसी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। आगजनी की घटना में छात्रों के शामिल होने से भी वीसी ने इन्कार किया।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली के जामिया नगर इलाके में रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन पर सोमवार को दिल्ली पुलिस ने घटना की पूरी जानकारी दी। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि दिल्ली पुलिस प्रदर्शनकारियों को जामिया की ओर भेज रही थी तो प्रदर्शनकारी और इलाके के लोग विश्वविद्यालय कैंपस में घुस गए थे और पथराव शुरू कर दिया था। ऐसे में दिल्ली पुलिस के कुछ लोग कैंपस में घुसे थे।
रंधावा ने बताया कि हिंसा में दिल्ली पुलिस के 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एक पुलिसकर्मी आईसीयू में है। दो एसएचओ को फ्रैक्चर हुआ है। कुछ स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि एक्शन उन्हीं के खिलाफ लिया जाएगा, जो इसमें शामिल हैं। हमने एक्शन में कम से कम पुलिस का इस्तेमाल किया है। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि जब हमने प्रदर्शनकारियों को धकेलना शुरू किया, तो दोनों तरफ से पथराव हुआ। तभी कुछ पुलिसवाले उनका पीछा करते हुए कैंपस में भी गए थे। इसे लेकर हम जांच कर रहे हैं।