UP Social Media Policy: उत्तर प्रदेश सरकार ने नई सोशल मीडिया पॉलिसी को मंजूरी दी है. इस संबंध में नीति लाने के लिए विभाग लंबे समय से प्रयासरत था.सरकार ने कहा है कि सोशल मीडिया पोस्ट किया गया कंटेंट अभद्र, अश्लील और राष्ट्र विरोधी नहीं होना चाहिए.
यूपी सरकार की इस नीति पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रतिक्रिया दी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर उन्होंने लिखा- 'जो तुमको हो पसंद, वही बात कहेंगे
तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे.'
प्रियंका ने लिखा- उप्र सरकार की सोशल मीडिया पॉलिसी में न्याय मांग रही महिलाओं की आवाजें किस श्रेणी में आएँगी? 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले में उठने वाले सवाल किस श्रेणी में आएंगे? भाजपा नेताओं-विधायकों द्वारा भाजपा सरकार की पोल-पट्टी खोलना किस श्रेणी में आएगा? 'तुम दिन को कहो रात तो रात, वरना हवालात' नीति सच को दबाने का एक और तरीका है. क्या भाजपा लोकतंत्र और संविधान को कुचलने से ज्यादा कुछ सोच ही नहीं सकती?
बता दें यूपी सरकार द्वारा जारी की गई नीति के अनुसार, सूचीबद्ध होने के लिए एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब में से प्रत्येक को सब्सक्राइबर व फॉलोअर्स के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा गया है. एक्स, फेसबुक व इंस्टाग्राम के अकाउंट होल्डर, संचालक, इन्फ्लूएंसर (प्रभाव रखने वाले) को भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 5 लाख, 4 लाख, 3 लाख और 3 लाख रुपये प्रतिमाह निर्धारित की गई है.यूट्यूब पर वीडियो, शॉर्ट्स, पॉडकास्ट भुगतान के लिए श्रेणीवार अधिकतम सीमा क्रमशः 8 लाख, 7 लाख, 6 लाख और 4 लाख प्रतिमाह निर्धारित की गई है.
नई सोशल मीडिया पॉलिसी में क्या है?
योगी सरकार अपनी जनकल्याणकारी, लाभकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी जनता तक पहुंचाने के लिए यह नीति लेकर आई है. इसके तहत अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यू-ट्यूब पर प्रदेश सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर आधारित कंटेंट, वीडियो, ट्वीट, पोस्ट और रील को शेयर करने पर उन्हें विज्ञापन देकर प्रोत्साहित किया जाएगा.सरकार का मानना है कि इस नीति के जारी होने के बाद देश विदेश और विभिन्न क्षेत्रों में रह रहे यूपी के लोगों को रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है. सोशल मीडिया में आपत्तिजनक कंटेंट पोस्ट करने पर एजेंसी और फर्म के ऊपर विधिक कार्यवाही भी की जायेगी.
यूपी सरकार की नई सोशल मीडिया पॉलिसी में राष्ट्र विरोधी कंटेंट डालने पर तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. अभी तक आईटी एक्ट की धारा 66ई, और 66एफ के तहत कार्रवाई की जाती थी. इसके अलावा अभद्र एवं अश्लील सामग्री पोस्ट करने पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी चलाया जा सकता है.