नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर किस आधार पर जम्मू कश्मीर में उनकी पार्टी के नेताओं को हिरासत में लिया गया है।  शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस इकाई को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने से रोके जाने के बाद उन्होंने पूछा कि क्या मीडिया से बात करना गुनाह है। पुलिस ने पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा को हिरासत में ले लिया है और जम्मू कश्मीर के इसके अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर को नजरबंद किया है।


उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘किस आधार पर जम्मू कश्मीर में कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार किया गया? क्या मीडिया से बात करना गुनाह है? जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, जो भारत के संविधान का सम्मान तथा उसका पालन करते हैं, उन्हें हिरासत में 15 दिन हो गये हैं।’ हैशटैग ‘स्टॉप इलीगल अरेस्ट इन कश्मीर’ से उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यहां तक कि उनके परिवार वालों को भी उनसे बात करने की इजाजत नहीं है। क्या मोदी-शाह सरकार यह मानती है कि भारत अब भी लोकतंत्र है?’





इससे पहले वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने पार्टी के जम्मू कश्मीर प्रमुख गुलाम अहमद मीर को हिरासत में लिये जाने की आलोचना करते हुए शनिवार को इसे ‘बिल्कुल गैरकानूनी’ करार दिया। उन्होंने उम्मीद जतायी कि अदालतें इस मामले का संज्ञान लेंगी। अपने कई ट्वीट में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मीर शुक्रवार से जम्मू में अपने घर में नजरबंद हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हिरासत में लेने का कोई लिखित आदेश नहीं था। बिल्कुल गैरकानूनी है... मैं उम्मीद करता हूं कि अदालतें कदम उठाएंगी और नागरिकों की आजादी की सुरक्षा करेंगी।’


शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मीर और जम्मू में वरिष्ठ कांग्रेस नेता रवींद्र शर्मा की गिरफ्तारी की निंदा की थी। राहुल ने ट्वीट किया था, ‘मैं जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख गुलाम अहमद मीर और प्रवक्ता रवींद्र शर्मा को जम्मू में आज गिरफ्तार किये जाने की कड़ी निंदा करता हूं। एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के खिलाफ इस अकारण कार्रवाई से सरकार ने लोकतंत्र पर एक और प्रहार किया है। यह पागलपन कब खत्म होगा।’


आजाद ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार तो कह रही है कि जम्मू में स्थिति सामान्य है और लोग जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संवैधानिक प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले पर खुशी मना रहे हैं लेकिन विपक्ष के नेताओं को तो संवाददाता सम्मेलन भी नहीं करने दिया जा रहा है।