Ayodhya Land Deals: प्रियंका गांधी का आरोप- राम मंदिर के आसपास जमीन की लूट मची है, BJP नेता-अधिकारी और ट्रस्ट के लोग शामिल
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर के आसपास की जितनी भी जमीनें हैं, उसकी लूट मची है. भाजपा के नेता, अधिकारी और ट्रस्ट के लोग इस लूट में शामिल हैं.
![Ayodhya Land Deals: प्रियंका गांधी का आरोप- राम मंदिर के आसपास जमीन की लूट मची है, BJP नेता-अधिकारी और ट्रस्ट के लोग शामिल Priyanka Gandhi's allegation- loot of land around Ram temple, BJP leaders-officers and people of trust involved Ayodhya Land Deals: प्रियंका गांधी का आरोप- राम मंदिर के आसपास जमीन की लूट मची है, BJP नेता-अधिकारी और ट्रस्ट के लोग शामिल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/12/23/21830345907c47d27548a64c785f4171_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Priyanka Gandhi Vadra Press conference: अयोध्या में जमीन खरीद में कई नेताओं, अधिकारियों के परिजनों का नाम आने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे देश की जनता ने राम मंदिर के लिए चंदा दिया. ये लोगों की आस्था है और इस पर चोट की जा रही है. अयोध्या में दलितों की जमीनें हड़पी गईं. कुछ जमीनें कम दाम में खरीद कर ज्यादा दाम में बेची गईं.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि राम मंदिर के आसपास की जितनी भी जमीनें हैं, उसकी लूट मची है. भाजपा के नेता, अधिकारी और ट्रस्ट के लोग इस लूट में शामिल हैं. वहां पर कितने हजार करोड़ का घोटाला किया गया है, नहीं मालूम. उन्होंने कहा कि भगवान राम सत्य के पथ पर चले. उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है और पूरे देश की आस्था पर चोट की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट स्तर पर होनी चाहिए जांच- प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि भगवान राम के मंदिर के नाम पर लिए गए चंदे का इस्तेमाल भाजपा और आरएसएस के नेताओं, कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया. उन्होंने कहा कि योगी सरकार कहती है कि जिला अधिकारी स्तर पर जांच की जाएगी. जिला स्तर के अधिकारी मेयर की जांच कैसे करेंगे? मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है. जांच भी सुप्रीम कोर्ट स्तर पर होनी चाहिए.
रणदीप सुरजेवाला ने लगाया ये आरोप
वहीं रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि एक जमीन दो करोड़ में बेची गई. इसके बाद उसी जमीन को लेकर एफआईआर दर्ज हुई कि ये जमीन बेची ही नहीं जा सकती है. फिर यही जमीन 18 करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को टिका दी गई. उन्होंने कहा कि इन जमीनों की रजिस्ट्री और कामकाज तब हुआ दिखाया गया है जब कोर्ट के दफ्तर बंद हो जाते हैं. जिस जमीन पर एफआईआर है, उस जमीन की खरीद बिक्री कैसे हुई?
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)