UP Assembly Election 2022: विधानसभा चुनावों से ठीक पहले यूपी में निषाद वोटों को लेकर सियासी पार्टियों के बीच मचे घमासान में प्रियंका गांधी वाड्रा भी कूद पडी हैं. प्रियंका ने प्रयागराज के संगम पर किराए की नाव चलाने वाले सुजीत निषाद नाम के नाविक से सात महीने पहले किये गए अपने वायदे को निभाते हुए उसे नई नाव बनवाकर भिजवा दी है. 11 फरवरी को मौनी अमावस्या पर संगम में आस्था की डुबकी लगाकर वापस आते वक़्त प्रियंका ने सुजीत की नाव से ही गंगा नदी पार की थी. इस दौरान उन्होंने सुजीत की नाव की पतवार अपने हाथों में थामकर नाव को कुछ दूर खुद चलाया भी था. प्रियंका गांधी के नाव चलाने की तस्वीरें उस वक़्त ज़बरदस्त चर्चा का सबब बनीं थीं.


प्रियंका गांधी से नई नाव मिलने के बाद गरीबी व मुफलिसी में जीवन बिता रहा सुजीत काफी खुश है. सुजीत के साथ ही संगम पर नाव चलाने वाले तकरीबन डेढ़ हज़ार दूसरे निषाद भी प्रियंका और उनकी कांग्रेस पार्टी की जमकर वाहवाही कर रहे हैं. इनका कहना है कि फरवरी महीने में प्रयागराज के बसवार गांव में निषादों पर हुए अत्याचार के बाद प्रियंका ही उनके बीच पहुंची थीं. उनकी आवाज़ को उठाया था और साथ ही उन्हें आर्थिक मदद भी दी थी. इसके बाद अब सुजीत को नई नाव भिजवाकर उन्होंने अपना वादा भी पूरा कर दिया है. संगम के नाविक आज भले ही प्रियंका गांधी के मुरीद हो गए हों, उन्हें अपना हमदर्द मानने लगे हों, लेकिन सुजीत को दी गई एक लाख रूपये की नाव यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया पार लगाने में कितनी मददगार साबित होगी, इस पर कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी.


प्रियंका इससे पहले सुजीत की बेटियों को भी उपहार भिजवा चुकी हैं


प्रियंका से मिली नाव को सुजीत निषाद ने कांग्रेस के तीन रंगों में रंगवा रखा है. नाव पर उसने प्रियंका दीदी की तरफ से मिली भेंट भी लिखवा रखा है. नाव पर जो सवारियां बैठती हैं, सुजीत उनसे भी प्रियंका गांधी से मिले इस अनूठे उपहार के बारे में बताना नहीं भूलता. सुजीत का कहना है कि पहले वह जो कमाई करता था, उसका ज़्यादातर हिस्सा किराया चुकता करने में चला जाता था, लेकिन अब पूरा पैसा उसकी ही जेब में आता है. प्रियंका इससे पहले सुजीत की बेटियों को भी उपहार भिजवा चुकी हैं. मौनी अमावस्या के दिन सुजीत की नाव चलाते वक़्त उससे बात करते हुए प्रियंका ने नई नाव देने का वायदा किया था.


थोड़ी देर से ही सही, पर प्रियंका दीदी का वादा पूरा होने से सुजीत निषाद के साथ ही संगम के दूसरे नाविक भी प्रियंका और कांग्रेस पार्टी की तारीफों के पुल बांध रहे हैं. पहले प्रियंका के बसवार गांव जाकर पुलिस अत्याचार के शिकार हुए निषादों का दर्द बांटने और उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराने और अब सुजीत निषाद को नई नाव भिजवाने से संगम के नाविक विधानसभा चुनाव में फिलहाल कांग्रेस पार्टी को ही समर्थन देने की बात कह रहे हैं, लेकिन सात महीने बाद चुनाव आने पर इन निषादों को अपना वायदा याद रहेगा या फिर वह वक़्त के साथ उसे भूल जाएंगे, इस बारे में अभी दावे के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि बीजेपी और समाजवादी पार्टी के साथ ही निषाद पार्टी और मुकेश साहनी भी निषादों का असली हमदर्द होने का दावा करते हुए उन्हें साधने की जुगत में हैं.


बहरहाल प्रियंका दीदी की नाव कांग्रेस की चुनावी नैया को भले ही पार लगाने में ज़्यादा मददगार साबित न हो सके, लेकिन यह इन दिनों संगम आने वाले श्रद्धालुओं के बीच चर्चा का सबब ज़रूर बनी हुई है.


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