जलवायु परिवर्तन से होने वाली समस्याओं का होगा समाधान, IIT कानपुर ने उठाया बड़ा कदम
आईआईटी कानपुर और संस्थान से साल 1976 में पासआउट पूर्व छात्र सुधाकर केसवन के बीच समझौता हुआ है. उन्होंने इसके लिए ढाई मिलियन यूएस डॉलर देने का वादा किया है.
IIT Kanpur on Climate change: जलवायु परिवर्तन दुनिया के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है. ऐसे में दुनिया भर के वैज्ञानिक इस पर मंथन कर इस परेशानी का निष्कर्ष निकालने में जुटे हुए हैं. ऐसे में कानपुर आईआईटी में इसके व्यवहारिक समाधान के लिए चंद्रकांता केसवन सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी एंड क्लाइमेट सॉल्यूशंस की स्थापना हुई है. इसकी स्थापना के लिए आईआईटी कानपुर और संस्थान से साल 1976 में पासआउट पूर्व छात्र सुधाकर केसवन के बीच समझौता हुआ है.
केंद्र का नाम उनकी मां डॉ. चंद्रकांता के नाम पर रखा गया है और उन्होंने इसके लिए ढाई मिलियन यूएस डॉलर देने का वादा किया है. संस्थान से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले सुधाकर ने 20 सालों तक आईसीएफ इंटरनेशनल में सीईओ के रूप में कार्य किया है. चंद्रकांता केसवन सेंटर को नीति, संचार, शिक्षा और आउटरीच प्रयासों में एक नया आयाम जोड़ने के मकसद के साथ शुरू किया गया है.
सेंटर नई नई रिसर्च को दुनिया के सामने पेश करेगा
आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रो. अभय करंदीकर की मानें तो सेन्टर से अगले पांच साल के भीतर आईआईटी कानपुर को कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए एक योजना विकसित करने के लिए कहा है. केंद्र का व्यापक उद्देश्य निम्न कार्बन समाधान विकसित करना, एक स्थाई जीवन प्राप्त करने की दिशा में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने में मदद करना रखा गया है. आईआईटी के निदेशक की मानें तो आने वाले दिनों में यह सेंटर नई नई रिसर्च को दुनिया के सामने पेश करेगा और इस समस्या के हल को खोजने में बहुत ही सहायक सिद्ध होगा.
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