Shiksha e-samvaad: प्रोफेसर केपी सिंह बोले- कोरोना काल में समय के साथ कोर्स में बदलाव, ग्लोबल सिस्टम को अपनाया
कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा दिया गया. महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली के प्रोफेस केपी सिंह ने कहा कि, जरूरत के हिसाब से कोर्स में बदलाव किये गये.
नोएडा: एबीपी गंगा के शिक्षा के e-संवाद में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र तनेजा ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू में ढील मिलते ही हम फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा करा लेंगे. इस दौरान सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा. कोरोना के चलते हमें अप्रैल में परीक्षा कैंसिल करनी पड़ी थी.
वर्चुअल माध्यम से ले सकते हैं टेस्ट
दूसरी तरफ, छत्रपति शाहू जी महाराज युनिवर्सिटी के कुलपति प्रफेसर विनय पाठक ने बताया कि, सेमेस्टर प्रणाली को लेकर एक परीक्षा समाप्त हो गई है. आज के समय में ऑनलाइन परीक्षा ले सकते हैं. खेल से जुड़े कोर्स को लेकर चीजें कैसे आगे बढ़ें. इसे लेकर प्रफेसर विनय पाठक ने कहा कि आज की डेट में कोरोना से हम सभी प्रभावित हैं. वर्चुअल माध्यम से टेस्ट ले सकते हैं. फिजिकली तो छात्रों को तो नहीं बुला सकते. दूसरी विधाओं के जरिए कार्य किए जा सकते हैं.
ग्लोबल सिस्टम के बेस पर कोर्स तैयार किया गया
बरेली के महात्मा ज्योतिबा फूले रूहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी प्रोफेसर केपी सिंह ने कहा कि, सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत 17 बिंदुओं का एक कार्यक्रम बनाया था. उन्होंने बताया कि पूरे कोरोना काल के दौरान हमने ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी. समय के साथ हमने कुछ कोर्स में बदलाव किये. उन्होंने कहा कि कोर्स को इस तरह डिजायन किया है कि बच्चे का संपूर्ण विकास हो. प्रोफेसर सिंह ने बताया कि हमने कोर्स ग्लोबल सिस्टम के बेस पर तैयार किया है.
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