Raja Mahendra Pratap Singh University: उत्तर प्रदेश में शिक्षा और प्रशासनिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अलीगढ़ स्थित राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति की है. यह नियुक्ति राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. नए कुलपति की घोषणा राज्यपाल और विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह को राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़ का कुलपति नियुक्त किया है.


प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह इस समय ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति पद पर कार्यरत हैं. उनकी नेतृत्व क्षमता और विश्वविद्यालय प्रबंधन के अनुभव को देखते हुए उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है.


प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं. उन्होंने लखनऊ के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी में बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दी हैं. इसके अलावा, वे कानपुर के हार्डकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं. उनके अनुभव और दक्षता को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह नई जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह के राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ का कुलपति बनने के बाद ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में कुलपति का पद खाली हो गया है. यह पद शिक्षा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, और इसकी पूर्ति के लिए जल्द ही नए कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.


इस समय, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर को कार्यवाहक कुलपति का चार्ज सौंपा जा सकता है. इस संदर्भ में वरिष्ठ प्रोफेसर मसूद फलाही का नाम सबसे आगे चल रहा है. हालांकि, राजभवन की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का मानना है कि शिक्षण संस्थानों को सिर्फ शिक्षा देने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि छात्रों को रोजगार परक और व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान करना चाहिए.


कुलपति की होती हैं ये जिम्मेदारियां
नवनियुक्त कुलपति के सामने कई चुनौतियां और जिम्मेदारियां होंगी. उन्हें विश्वविद्यालयों में शिक्षण गुणवत्ता में सुधार, शोध को बढ़ावा देने, और छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान देना होगा. इसके साथ ही, विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए भी प्रयास करना होगा. नए कुलपतियों की नियुक्ति राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और प्रगति की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का यह निर्णय शिक्षा जगत में एक नई ऊर्जा और जोश भरने का काम करेगा. इससे न केवल विश्वविद्यालयों का विकास होगा, बल्कि छात्रों को भी बेहतर अवसर और सुविधाएं प्राप्त होंगी.


राजा महेंद्र प्रताप  विश्वविद्यालय के वीसी प्रोफेसर चंद्रशेखर थे जिनका कार्यकाल पूरा  होने के बाद उनको 6 माह का समय अतिरिक्त दिया गया था, लेकिन इसी दौरान नए वीसी की नियुक्ति के बाद उनकी जगह नए वीसी को नियुक्त किया गया है.


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