स्वामी स्वरुपानंद को शंकराचार्य बने 50 साल पूरे, स्वर्ण ज्योति महोत्सव का आयोजन
स्वर्ण ज्योति महोत्सव के द्वितीय उत्सव में हरिद्वार के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत, मेयर अनिता शर्मा साथ ही कई साधु-संत मौजूद रहे.
हरिद्वार. जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती महाराज को ज्योतिपीठ का शंकराचार्य बनने पर 50 साल पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर शंकराचार्य के शिष्य और भक्त देश भर में 50 जगहों पर स्वर्ण ज्योति महोत्सव मना रहे हैं. स्वर्ण ज्योति महोत्सव के द्वितीय उत्सव में हरिद्वार के कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कुम्भ मेलाधिकारी दीपक रावत, मेयर अनिता शर्मा साथ ही कई साधु-संत मौजूद रहे. इस कार्यक्रम में गढ़वाल क्षेत्र के 50 लोगों को सम्मानित भी किया गया. ये वो लोग थे जिन्होंने धर्म और समाज के लिए काम किया है. कार्यक्रम का आयोजन कुमाऊं क्षेत्र में भी किया जाएगा.
शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि शंकराचार्य महाराज स्वतंत्रता सेनानी भी रह चुके हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें ज्योतिषपीठ पर बैठे हुए 50 साल पूरे हो गए हैं. इस उपलक्ष्य में स्वर्ण ज्योति महोत्सव भव्य रूप से मनाया जा रहा है.
मेलाधिकारी दीपक रावत से किया अनुरोध स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि हमने मेलाधिकार दीपक रावत से अनुरोध किया है कि कुंभ में आने वाले साधु-संतों के संदेशों को जनता तक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि दीपक रावत ने भी हमे यह कार्य करने का आश्वासन दिया है.
वहीं मेलाधिकारी दीपक रावत को इस कार्यक्रम में सम्मानित भी किया गया. उन्होंने सम्मान के लिए आभार भी जताया. उन्होंने कहा कि कुंभ को लेकर कई सुझाव मिले हैं. सबसे अच्छा सुझाव है कि जो भी साधु-संत हरिद्वार आएंगे. इन साधु-संतों के संदेशों को प्राप्त कर मेले में शामिल कर सकते हैं.
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