(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चौरी चौरा कांड के 100 साल पूरा होने पर सालभर होंगे कार्यक्रम, पीएम मोदी जारी करेंगे डाक टिकट
चौरी चौरा कांड के शताब्दी वर्ष के मौके पर सालभर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. चार फरवरी को गोरखपुर में शुभारंभ कार्यक्रम होगा. इस मौके पर पीएम मोदी डाक टिकट जारी करेंगे.
गोरखपुर. चौरी चौरा कांड के 100 साल पूरा होने पर केंद्र और राज्य सरकार ने साल भर कार्यक्रम आयोजन करने का निर्णय लिया है. चौरी चौरा की घटना का शताब्दी वर्ष समारोह इस साल से वर्षभर मनाया जाएगा. 4 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शताब्दी समारोह के शुभारंभ में शामिल होंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल तरीके से चौरी चौरा पर डाक टिकट जारी करेंगे. दो दिन तक चलने वाले इस शुभारंभ समारोह में बॉलीवुड सिंगर सोनू निगम के आने के भी संभावना है. अधिकारी लगातार उनसे संपर्क कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 4 फरवरी 1922 को गोरखपुर में चौरी चौरा कांड हुआ था. इस घटना ने आजादी की लड़ाई की दिशा ही बदल कर रख दी. महात्मा गांधी ने इससे दुखी होकर असहयोग आंदोलन को बीच में ही रोक दिया था.
शहीद स्थली पर होंगे कार्यक्रम चौरी चौरा शहीद स्थली पर सालभर तक विभिन्न तरह के सांस्कृतिक और अन्य गतिविधियां भी आयोजित होगी. शहीद स्थली पर पूरे वर्ष कार्यक्रम का आयोजन कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी. इसके साथ ही यहां 4 फरवरी 2022 को आयोजित होने वाले शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खुद भी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.
पीएम जारी करेंगे डाक टिकट 4 फरवरी 2021 को होने वाले शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल माध्यम से चौरी चौरा कांड पर डाक टिकट जारी करेंगे. शनिवार को कमिश्नर जयंत नार्लिकर और जिलाधिकारी के विजयेन्द्र पाण्डियन के साथ गोरखपुर के एसएसपी जोगिन्दर कुमार, सीडीओ इंद्रजीत सिंह, एडीएम एफआर राजेश कुमार सिंह समेत तमाम आलाधिकारी तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे और तैयारियों का जायजा लिया.
इस कार्यक्रम के लिए चौरी चौरा शहीद स्मारक समेत रेलवे स्टेशन और पुलिस स्टेशन व बाजार को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है. शहीद स्मारक पर लगाई गई रंग-बिरंगी लाइट और सजावट बरबस ही मन को आकर्षित कर रहे हैं. जिला प्रशासन इस तरह से तैयारी में जुटा है कि वर्षभर चलने वाले इस आयोजन को लोग बरसों तक याद रखें. आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारियों ने शहादत देकर जो योगदान दिया था, उसे युवा पीढ़ी लंबे समय तक याद रख सके.
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