Noida Land Rate Increase: ग्रेटर नोएडा में अब महंगा हुआ सपनों का आशियाना, जानिए- कितने बढ़े प्रॉपर्टी के रेट
Noida Land Rate Increase: यूपी के शहर नोएडा में अब जमीन लेकर घर बनाना बहुत महंगा हो गया है. दरअसल नोएडा प्राधिकरण ने हाल ही में जमीन की आवंटन दरों में इजाफा कर दिया.
Noida Land Rate Increase: अगर आप नोएडा में जमीन लेकर घर बनाने का सपना देख रहे हैं तो आपके लिए एक बुरी खबर है. दरअसल नोएडा में जमीन लेकर घऱ बनना अब काफी महंगा हो गया है. बता दें कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने हाल ही में जमीन की आवंटन दरों में इजाफा कर दिया. ऐसे में उन लोगों को बड़ा झटका लगा है जो प्लांट आवंटन योजना का इंतजार कर रहे थे.
जमीन आवंटन दरों में हुई इतनी वृद्धि
वहीं विभिन्न श्रेणियों की आवासीय संपत्तियों के लिए वृद्धि 25% तक है. (श्रेणी ए के लिए बढ़ोतरी 17% है, श्रेणी बी के लिए वृद्धि 15% है, श्रेणी सी के लिए वृद्धि 25% है, और श्रेणी डी के लिए वृद्धि 20% है), औद्योगिक और आईटी भूखंडों के लिए सटीक वृद्धि अभी तय नहीं की गई है. आपको बता दें कि भूमि आवंटन दर वो दरें हैं जिन पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण निवेशकों या संपत्ति खरीदारों को भूमि आवंटित करता है. भूमि आवंटन दर में वृद्धि का निर्णय मंगलवार को सेक्टर नॉलेज पार्क 4 स्थित मुख्य प्रशासनिक कार्यालय में अध्यक्ष संजीव मित्तल की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की बैठक में लिया गया.
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साल 2020 में इतनी बढ़ी थी दरें
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेंद्र भूषण ने बताय कि, बोर्ड ने आवासीय संपत्तियों के लिए भूमि दरों में मामूली वृद्धि पर चर्चा की और उसे मंजूरी दे दी. वहीं इससे पहले प्राधिकरण ने कोविड -19 महामारी की वजह से आई आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए 2021 में भूमि आवंटन दरों में केवल 3% तक की वृद्धि की थी. इसके साथ ही प्राधिकरण ने 10 फरवरी, 2020 को आवासीय भूखंड श्रेणियों में भूमि आवंटन दरों में 40% तक और औद्योगिक भूखंड श्रेणियों में 100% तक की वृद्धि की थी.
जानिए योजनाओं पर कितने रुपये होंगे खर्च
इसके अलावा, प्राधिकरण ने विभिन्न परियोजनाओं पर खर्च किए जाने वाले 5,100 करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूरी दे दी है. अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण ने स्वास्थ्य, ग्राम विकास, किसान चौक पर अंडरपास के निर्माण, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, एक डिग्री कॉलेज, पार्क, सड़क और अन्य परियोजनाओं पर खर्च होने वाले बजट को विभाजित किया है. मोटे तौर पर प्राधिकरण भूमि अधिग्रहण पर 2,000 करोड़ रुपये, विकास परियोजनाओं पर 1,714 करोड़ रुपये और स्वास्थ्य और ग्राम विकास पर 1,400 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
नरेंद्र भूषण ने ये भी कहा कि, हम जमीन का अधिग्रहण करेंगे ताकि हम इस क्षेत्र में रोजगार पैदा करने के लिए इसे तैयार कर सकें और उद्योगों को आवंटित कर सकें, क्योंकि हमें उन निवेशकों से प्रस्ताव मिल रहे हैं जो इस शहर में अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं.