मुजफ्फरनगर: थाना भौरा कलां क्षेत्र के कस्बा सिसौली निवासी किसान की खुदकुशी के बाद मुजफ्फरनगर में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान व क्षेत्रीय विधायक उमेश मलिक ने मुख्यमंत्री से बातचीत कर मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों को साथ पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता के तौर पर देने का आश्वासन दिया, जिसके बाद मृतक ओमपाल के परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए.
बतादें कि मुजफ्फरनगर जिले में किसान ओमपाल का शव पेड़ से लटका मिला था. अधिकारियों का कहना था कि किसान कोरोना वायरस महामारी के बीच लागू बंद की वजह से कथित तौर पर अपना गन्ना नहीं बेच पाया था. वही, इस घटना से दुखी किसानों ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि इस संबंध में चीनी मिल अधिकारियों के खिलाफ किसानों से गन्ना खरीदने में विफल रहने को लेकर मामला दर्ज किया जाए. गुस्साए किसानों ने सड़क जाम कर दी और मांगें पूरी होने तक शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया था. किसानों के इस विरोध प्रदर्शन में राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव राजपाल बाल्यान और राज्य के पूर्व मंत्री योगराज सिंह भी शामिल हुए. इसी बीच भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) प्रमुख नरेश टिकैत ने कहा कि बंद के दौरान उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिलने की वजह से किसान वित्तीय दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.
इसके अलावा इस बीच केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान, बुढाना विधायक उमेश मलिक भी यहां पहुंचे थे. किसानों में डीएम के उस बयान से भी असंतोष बढता दिखाई दिया जिसमें आत्महत्या की वजह गन्ना नहीं बल्कि जमीनी विवाद होना बताई गई है. जिलाधिकारी ने आज एक वीडियो बयान में कहा था कि प्राथमिक जांच में यह सामने आ रहा है कि किसान ओमपाल की आत्महत्या की वजह गन्ना नहीं बल्कि जमीनी विवाद है. हंगामा बढने की सूचना पाकर जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव भी प्रशासनिक तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों के साथ सिसौली पहुंचे.
ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि ओमपाल ही पूरे परिवार का पालक था, जिसने इस वर्ष पूरी जमीन पर गन्ना बोया था. आरोप है कि खतौली शुगर मिल तीन दिन पूर्व बंद होने की चेतावनी जारी कर चुका है और गांव में लगे तौल कांटे भी उखाड़ लिए गए हैं. परिजनों का कहना है कि अभी ओमपाल की करीब ढाई बीघा कृषि भूमि पर गन्ना खड़ा हुआ है. शुगर मिल बंद होने की चेतावनी के बाद किसान ने कोल्हू संचालकों से गन्ना डालने की बात की, लेकिन उन्होंने भी गन्ना लेने से इंकार कर दिया. इसके चलते ओमपाल खेत में खड़े गन्ने को लेकर मानसिक तनाव में था. परिजनों के अनुसार, इसी तनाव में ओमपाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी.