प्रयागराज, मो. मोईन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रयागराज में मुस्लिम महिलाओं का धरना अभी भी जारी है। पिछले 47 दिनों से मुस्लिम महिलाएं रोशन बाग इलाके के मंसूर अली पार्क में धरने पर बैठी हैं। महिलाओं के धरने की वजह से उनके बच्चों की पढ़ाई पर इसका खासा असर पड़ रहा है। दरअसल, तमाम स्टूडेंट्स अपने परिवार वालों के साथ या तो कई घंटे धरने में शामिल होते हैं या फिर अभिभावकों के मंसूर पार्क जाने की वजह से वह पढ़ाई और इम्तहान की तैयारियों पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं।
यूपी बोर्ड के इम्तहान कल से शुरू हो रहे हैं जबकि सीबीएसई के इम्तहान शुरू हो चुके हैं। बोर्ड के अलावा भी दूसरी कक्षाओं के परीक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में धरना स्थल मंसूर पार्क में लगातार बजने वाले लाउड स्पीकर की वजह से आस-पास रहने वाले बच्चों की पढ़ाई में बाधा आ रही है। धरने में शामिल होने वाली महिलाएं और उनके परिवार के स्टूडेंट्स भी इस कड़वी हकीकत से पूरी तरह रूबरू हैं, लेकिन कुछ तो इसे किसी तरह मैनेज करने की बात करती हैं, लेकिन ज्यादातर इस बेतुकी दलील के साथ खुद अपना बचाव करती हैं कि अगर उनकी नागरिकता ही नहीं रहेगी तो पढ़ाई करने और इम्तहान की तैयारियां करने का क्या फायदा होना है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो मानते हैं कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने से बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है, लेकिन इसके बावजूद वह इस धरने को जायज ठहराने पर लगे हुए हैं।
घर के लोग बच्चों को छोड़कर जब अकेले भी शामिल होते हैं, तब भी इम्तहान की तैयारियां प्रभावित होती हैं। इम्तहान का समय होने के बावजूद धरने में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंसूर पार्क में यह धरना 12 जनवरी से लगातार चल रहा है। धरने को खत्म कराने और पार्क को आंदोलनकारियों के कब्जे से आजाद कराने की प्रशासन की सभी कोशिशें अब तक नाकाम साबित हुई हैं।