देहरादून, भाषा। उत्तराखंड में चारधाम श्राइन बोर्ड का गठन तो हो गया है, लेकिन राज्य सरकार को इसके विरोध का सामना करना पड़ रहा है। तीर्थ पुरोहित सरकार कै फैसले का विरोध कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों ने सरकार को चेताया है कि श्राइन बोर्ड विधेयक उनकी सहमति लिये बिना चार दिसंबर से होने वाले विधानसभा सत्र में न लाया जाये अन्यथा इससे राज्य में एक बडे आंदोलन की शुरूआत होगी। इस बाबत उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक से भी मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक समिति का गठन किया है जो आंदोलन की रूपरेखा तय करेगा।


तीर्थ पुरोहितों ने उत्तरकाशी, कर्णप्रयाग तथा अन्य जगहों पर आज सरकार के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखा और कई जगह उसका पुतला भी फूंका ।


वहीं, पुरोहितों के विरोध को विपक्षी दल कांग्रेस और उत्तराखंड क्रांति दल का भी समर्थन मिल रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी तीर्थ पुरोहितों के हक के लिए पूरी तरह से अपना समर्थन देगी। वहीं यूकेडी ने चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन को लेकर चार दिसंबर को प्रदेश भर में आंदोलन का ऐलान किया है।


बतादें कि उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने 27 नवंबर को उच्च हिमालयी क्षेत्रों के चार धामों सहित राज्य के 50 से अधिक प्रसिद्ध मंदिरों के संचालन के लिये चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन को अपनी मंजूरी दी थी। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के अतिरिक्त उत्तराखंड में मौजूद 47 अन्य मंदिर भी बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में आएंगे।