(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मेरठ: निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन, सरकार से फैसला वापस लेने की मांग
बिजली कर्मचारी निजीकरण का लगातार विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बदलाव से कोई फायदा नहीं होने वाला. उनका कहना है कि ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजीकरण से बिजली महंगी हुई, इसमें नुकसान भी हुआ है.
मेरठ. विद्युत निजीकरण के विरोध में आज मेरठ के ऊर्जा भवन परिसर में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि यह निजीकरण कर्मचारी ही नहीं, बल्कि जनविरोधी है. इससे बिजली की दरें महंगी होंगी और कर्मचारियों का रोजगार छिनेगा. सैकड़ों की संख्या में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया गया है.
अनिश्चित कार्य बहिष्कार की धमकी
ऊर्जा भवन में निजीकरण का विरोध करने के लिये जुटे कर्मचारियों ने कहा कि सरकार निजीकरण का फैसला वापस ले, नहीं तो हम अनिश्चितकाल कार्य का बहिष्कार कर धरने पर चले जाएंगे. क्योंकि सरकार पहले भी ग्रेटर नोएडा और आगरा में निजीकरण करके देख चुकी है. इसमें नुकसान ही नुकसान हुआ है, फायदा नहीं हुआ.
आपको बता दें कि सोमवार को पूरे प्रदेश में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले कार्य का बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द निजीकरण के फैसले को वापस ले क्योंकि यह किसी भी नजरिए से सही नहीं है. वहीं, कर्मचारियों ने सरकार को आगाह किया कि अगर वह निजीकरण के फैसले को वापस नहीं लेती है तो यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.
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