Kanpur Dehat: बकरी, भैंस और चूल्हे के साथ पीड़ित परिवार ने डीएम ऑफिस में डाला डेरा, जानिए मामला
कानपुर देहात में घर तोड़े जाने से नाराज परिवार ने जिलाधिकारी कार्यालय को ठिकाना बना लिया. मवेशियों और घरेलू सामान के साथ डेरा डाले जाने की खबर पर पुलिस प्रशासन में हड़ंकप मच गया.
Kanpur Dehat News: कानपुर देहात में बाबा के बुलडोजर से बेघर हुए परिवार ने जिलाधिकारी कार्यालय को आशियाना बना लिया. आधा दर्जन से अधिक बकरियां, चूल्हा, भैंस और गृहस्थी का सामान लेकर सर्द रात में पीड़ित परिवार जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गया. जिलाधिकारी कार्यालय में डेरा डाले जाने की खबर पर पुलिस प्रशासन की नींद उड़ गई. आनन फानन जिलाधिकारी कार्यालय को छावनी में बदल दिया गया. दो एसडीएम, अपर पुलिस अधीक्षक, लेखपाल, तहसीलदार, दो क्षेत्राधिकारी समेत सैकड़ों पुलिस के जवानों ने परिवार को घेर लिया.
बेघर परिवार ने जिलाधिकारी कार्यालय को बनाया ठिकाना
पीड़ित परिवार की मांग है कि जब तक घर बनाकर नहीं मिल जाता, तब तक जिलाधिकारी कार्यालय में डेरा रहेगा. ग्राम मड़ौली में ग्राम समाज की जमीन पर बने घर को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ज़मींदोज़ कर दिया. हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड में घर तोड़े जाने से 5 सदस्यों का परिवार सड़क पर आ गया. परिवार ने हाथ जोड़कर बेघर नहीं करने की प्रशासन से अपील की. आंसू और चीख पुकार के बीच परिवार का आशियाने पर बुलडोजर चल गया.
लेखपाल को घूस नहीं देने पर घर तोड़ने का लगाया आरोप
परिवार का आरोप है कि लेखपाल ने बिना नोटिस दिए 50 हजार घूस के कारण घर को गिराने का आदेश दे दिया. जमीन पर परिवार पिछले 100 सालों से रह रहा है. एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद का कहना है कि कृष्ण गोपाल दीक्षित नाम के शख्स ने ग्राम समाज की 7 बिसवां भूमि पर कब्जा कर रह रहा था. ग्राम समाज की जमीन को कब्जा मुक्त कराने की कार्रवाई की गई है. उन्होंने बुलडोजर की कार्रवाई को सही ठहराया. एसडीएम ने बताया कि कृष्ण गोपाल दीक्षित के पास निजी जमीन भी है.
आरोप-प्रत्यारोप के बीच पुलिस, प्रशासन और परिवार की जंग देर रात तक जारी रही. घर के बदले घर की मांग कर रहे परिवार ने जिलाधिकारी कार्यालय में ही रहने का फैसला कर लिया है. अब देखना है की न्याय की उम्मीद पाले पीड़ित परिवार का जिलाधिकारी कार्यालय में धरना कब तक जारी रहेगा.