Protest Against Devasthanam Board in Uttarakhand: देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड सरकार के लिए नई मुसीबत बढ़ाता जा रहा है. तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को भंग करने पर अड़े हैं तो वहीं सरकार इस कंफ्यूजन में है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर क्या निर्णय लिया जाए. हालांकि, देवस्थानम बोर्ड की कल एक बड़ी बैठक देहरादून में होगी उसके बाद तय होगा कि देवस्थानम बोर्ड पर सरकार क्या निर्णय लेती है. तीर्थ पुरोहितों को बैठक में ना बुलाने को लेकर उनकी नाराजगी सामने आने लगी है.
तीर्थ पुरोहित कर रहे हैं विरोध
उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड बनने के बाद से ही तीर्थ पुरोहितों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था. आज भी तमाम तीर्थ पुरोहित देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं. गंगोत्री, यमुनोत्री समेत चारों धामों में तीर्थ पुरोहित सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं. पुरोहितों का आरोप है कि देवस्थानम बोर्ड पर सरकार आपस में ही सहमत नहीं है.
तीर्थ पुरोहित संशय की स्थिति में हैं
शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि इस पर विचार किया जाएगा, ऐसे में तीर्थ पुरोहित संशय की स्थिति में हैं कि आखिरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर सरकार क्या निर्णय लेगी. हालांकि, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में देवस्थानम बोर्ड की बैठक कल आयोजित होगी, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण निर्णय होने की संभावना जताई जा रही है.
बैठक में विचार किया जाएगा
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर कल बैठक में विचार किया जाएगा और इसमें अध्ययन करने की जरूरत है. महाराज ने कहा कि अध्ययन में होने की वजह से देवस्थानम बोर्ड को लेकर इस तरह की बातें चल रही है.
तीर्थ पुरोहितों को बैठकों में नहीं बुलाया गया
उधर, देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग को लेकर पिछले तकरीबन 35 दिनों से धरने पर बैठे तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि सरकार बंद कमरे में देवस्थानम बोर्ड को लेकर बैठक करती है लेकिन आज तक तीर्थ पुरोहितों को बैठकों में नहीं बुलाया गया. सरकार के मंत्रियों में ही देवस्थानम बोर्ड को लेकर एक सहमति है. चार धाम महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती का कहना है कि सरकार ने तीर्थ पुरोहितों के पर देवस्थानम बोर्ड जबरदस्ती थोपा है, जिसका कोई महत्व नहीं है और ना ही सरकार ने आज तक बैठकों में तीर्थ पुरोहितों को बुलाया है.
बढ़ती जा रही हैं सरकर की मुसीबतें
चुनाव से पहले उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड सरकार के लिए मुसीबतें बढ़ाता जा रहा है. वहीं, कांग्रेस ने सरकार बनने के बाद देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का एलान कर दिया. ऐसे में बीजेपी सरकार भी इस टेंशन में है कि चुनाव से पहले देवस्थानम बोर्ड को लेकर क्या निर्णय लिया जाए, ताकि तीर्थ पुरोहितों का हक भी रखा जा सके और सरकार की भी साख बनी रहे.
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