Protest in Etawah: लखीमपुर की घटना (Lakhimpur Incident) को लेकर अखिलेश (Akhlesh Yadav) के गृह जनपद इटावा में सपा एवं प्रसपा ने कचहरी और मुख्य चौराहे पर धरना प्रदर्शन किया. वहीं, कचहरी में सपा और प्रसपा के धरने प्रदर्शन को लेकर प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी. सैकड़ों की संख्या में दोनों ही दलों के कार्यकताओं ने प्रदर्शन किया. वहीं शिवपाल के बेटे आदित्य यादव धरने में पहुंचे. घंटों मशक्कत के बाद प्रशासन ने आदित्य यादव के साथ प्रसपा और सपा के कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
सपा-प्रसपा कार्यकर्ताओं की नारेबाजी
लखीमपुर में कल हुई घटना को लेकर आज सैकड़ों सपा एवं प्रसपा कार्यकर्ताओं ने कचहरी परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. कचहरी में धरने से पहले सपा कार्यकर्ताओं ने शहर के प्रमुख शास्त्री चौराहे पर सड़क जाम करने की कोशिश की. वहीं, मौके पर पहुंचे पुलिस प्रशासन ने सड़क जाम करने के सपा के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया, मौके पर पूर्व ज़िलाध्यक्ष सपा राजीव यादव ने कल लखीमपुर में हुई घटना को लोकतंत्र की हत्या करार दिया.
जिलाधिकारी कार्यालय को घेरा
वहीं, कचहरी परिसर में समाजवादी पार्टी ने जिलाधिकारी कार्यालय को घेर कर घंटों प्रदर्शन किया. कचहरी में ही सपा के धरना प्रदर्शन के बगल में ही प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव प्रसपा ज़िलाध्यक्ष एवं सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कचहरी में शिवपाल के बेटे आदित्य यादव के धरना प्रदर्शन में पहुंचने पर बसपा कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हो गए. वहीं, आदित्य यादव ने एबीपी गंगा से बात करते हुए कहा कि, किसान विरोधी यह सरकार किसानों को कुचलने का जो काम किया है, वह लोकतंत्र की हत्या है, एवं जिस तरह से प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह को लखीमपुर जाने से रोका गया है, उनको गिरफ्तार किया गया है वह सरासर गलत है.
पूरे प्रदेश में जारी रहेगा धरना प्रदर्शन
आदित्य यादव ने कहा कि, जब तक आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं हो जाता एवं मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ की राशि नहीं मिल जाती एवं गिरफ्तार किए गए शिवपाल सिंह यादव की रिहाई नहीं हो जाती, पूरे प्रदेश में उनकी पार्टी का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. घंटों मशक्कत के बाद पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी एडिशनल एसपी, एसपी सिटी सिटी मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर ने कई घंटों के बाद दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी करने के बाद राहत की सांस ली, वहीं, इस दौरान सपा एवं प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में गिरफ्तारी देने के लिए होड़ मची रही.
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