Basti News: उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में अपनी मांगों को लेकर अनुदेशकों ने अपना क्रमिक अनशन जारी रखा. इस दौरान अनुदेशकों ने शोषण और अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है. इस दौरान अनुदेशकों ने 2024 लोकसभा चुनाव में सरकार को देख लेने की धमकी भी दे डाली है. अनुदेशकों का आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार अनुदेशक शिक्षकों को पूरा पैसा नहीं दे रही है.
एक तरफ जहां प्रदेश की योगी सरकार ने अनुदेशकों को 17,900 रुपये मानदेय देने के लिए आदेश दिए थे, तो वहीं अनुदेशकों का आरोप है कि सरकार उन्हें केवल 9000 रुपये देने का काम कर रही है. जिसको लेकर बस्ती जिले में शास्त्री चौक चौराहे स्थित अनुदेशकों ने प्रत्येक रविवार की तरह इस रविवार को भी शोषण और अत्याचार के खिलाफ क्रमिक अनशन जारी रखा. अनुदेशक शिक्षकों का मानना है कि हम महात्मा गांधी जी की सत्याग्रह आंदोलन के तर्ज पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी रखेंगे.
अनुदेशक शिक्षकों का अनशन जारी
दरअसल उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पिछले 10 वर्षों से कार्य कर रहे अनुदेशकों ने इस रविवार को भी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अपना क्रमिक अनशन जारी रखा. अनुदेशक संघ के जिला अध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि अनुदेशकों पर पिछले 10 वर्षों से शोषण और अत्याचार हो रहा है. अनुदेशकों से पूर्णकालिक कार्य कराया जाता है और अल्प मानदेय के साथ-साथ अन्य सभी सुविधाओं से वंचित रखा जाता है. जिससे अनुदेशकों का जीवन स्तर निम्न स्तर से भी नीचे जा चुका है.
आर्थिक तंगी के कारण की आत्महत्या
उन्होंने बताया कि अनुदेशक आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या कर चुके हैं, तो कई अनुदेशक नौकरी छोड़ चुके हैं. अनुदेशक अपना जीवन निर्वाह के साथ-साथ शिक्षण कार्य के बाद टैक्सी व ठेला सब्जी आदि बेचने का कार्य करते हैं. महिला अनुदेशकों को सीसीएल भी नहीं मिलता है. अनुदेशक अल्पमानदेय में कार्य कर रहे हैं, ऐसे में इन अनुदेशकों के अच्छे दिन कब आएंगे.
अनशन पर बैठी अनुदेशक शिक्षक अलका रानी का कहना है कि जो सरकार हमारा साथ देगी हम सब उसी के साथ रहेंगे. उन्होंने सरकार के सामने समान वेतन की मांग रखी, मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकाल तक धरना देने की चेतावनी दी गई.
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