अलीगढ़/लखनऊ/मऊ, एजेंसी। जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में रविवार रात पुलिस और छात्रों के बीच हुई हिंसक झड़प की आंच सोमवार को अलीगढ़ शहर के साथ-साथ राजधानी लखनऊ और मऊ तक पहुंच गयी। अलीगढ़ में छात्र-पुलिस संघर्ष के मामले में कम से कम 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने घटना की न्यायिक जांच कराने और रविवार रात विश्वविद्यालय के विभिन्न हिस्सों से हिरासत में लिये गये छात्रों की रिहाई की मांग की है।


आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक अजय आनंद ने बताया कि एएमयू प्रशासन के आदेश पर छात्रावास खाली कर जा रहे छात्रों को उनके गंतव्यों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिये 40 बसों का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा देश के पूर्वी तथा उत्तर-पूर्वी राज्यों में जाने वाली लम्बी दूरी की सभी रेलगाड़ियों को अलीगढ़ में रुकने का आदेश दिया गया है ताकि, छात्रावास खाली कर रहे छात्र अपने घर रवाना हो सकें।


एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन जिला के जिम्मेदार अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में है ताकि पूछताछ के लिये हिरासत में लिये गये छात्रों का हाल-पता मिल सके। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि छात्रों और उनके परिजन की तमाम आशंकाएं जल्द समाप्त होंगी।



अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश कुलहरि ने बताया कि एएमयू हिंसा में कुल 56 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनमें से 21 को गिरफ्तार किया गया है। उधर, मऊ के दक्षिण टोला में प्रदर्शनकारियों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की। हालांकि पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया।


इस बीच, राज्य के पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि अलीगढ़, सहारनपुर और मेरठ में इंटरनेट सेवाएं एहतियातन बंद कर दी गयी हैं। उधर, मऊ से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के मिर्जा हाजीपुरा चौक पर प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन किया। हालात काबू में करने के लिये पुलिस को आंसू गैस और हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा। खबरों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहन समेत कई गाड़ियां भी फूंक दी हैं। हालांकि पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए हालात को काबू में कर लिया।


मालूम हो कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच एएमयू में भी रविवार देर रात बड़ी संख्या में छात्र और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए। इस दौरान पथराव और लाठीचार्ज में 20 पुलिसकर्मियों तथा एएमयू सुरक्षाकर्मियों समेत कम से कम 70 लोग जख्मी हो गए। घायलों में अलीगढ़ के पुलिस उपमहानिरीक्षक परमिंदर सिंह और पुलिस अधीक्षक-नगर अभिषेक भी शामिल हैं। घटना के बाद एएमयू को पांच जनवरी तक बंद कर दिया गया। जिले के सभी स्कूल और कॉलेज भी एहतियातन बंद कर दिये गये हैं।


इस बीच, जामिया में हुई हिंसा की आंच सोमवार को लखनऊ तक भी पहुंच गयी। लखनऊ स्थित नदवतुल उलमा (नदवा कालेज) और इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में नाराज छात्रों ने प्रदर्शन किया। हालात के मद्देनजर दोनों संस्थानों में छुट्टी घोषित कर दी गयी है।


नदवा के प्रवक्ता फैजान नगरामी के मुताबिक जामिया के एक छात्र की पुलिस कार्रवाई में मौत की अफवाह से नाराज छात्रों ने रविवार रात परिसर में हंगामा किया था। उस वक्त पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। सुबह छात्रों ने फिर नदवा परिसर में नारेबाजी की। छात्र जबरन गेट खुलवाकर बाहर आ गये और सड़क पर प्रदर्शन किया। गेट के सामने लेट गये कुछ छात्रों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया।



हालात सम्भलने के बाद पुलिस महानिरीक्षक एसके भगत और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने नदवा के उप प्रधानाचार्य अब्दुल अजीज भटकली से बातचीत की। नदवा प्रशासन ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज देखकर प्रदर्शनकारियों को चिह्नित किया जाएगा। हालात के मद्देनजर नदवा में आगामी पांच जनवरी तक छुट्टी का एलान कर दिया गया।


उधर, राजधानी के गुडम्बा इलाके में स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में भी छात्रों ने प्रदर्शन किया। यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अकील अहमद ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने जामिया में पुलिस कार्रवाई के विरोध में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें खदेड़ दिया। विश्वविद्यालय में 18 दिसम्बर तक छुट्टी घोषित कर दी गयी है।