पौड़ी: पौड़ी में लोक निर्माण विभाग की भारी लापरवाही से नवनिर्मित सड़कें चंद माह के भीतर ही दम तोड़ती नजर आ रही हैं. जबकि हाल ही में खस्ताहाल सड़कों की हालत सुधारने के लिये लाखों रुपये का बजट सड़कों पर पानी के तरह विभाग ने बहा डाला, बावजूद इसके सड़के दोबारा से खराब हो गईं. वहीं, अब आलम ये है कि जिले की कई सड़के कुछ ही महीनों में ही विभाग और उसके ठेकेदारों की कार्य गुणवत्ता की पोल अब खुद खोलने लगी हैं और फिर से सड़क दुर्घटनाओं को खुला न्यौता दे रही हैं. यहां पौड़ी से सत्याखाल को जाने वाली सड़क जिसकी मरम्मत अभी तीन माह पूर्व हुई थी, दम तोड़ चुकी है, जबकि इस सड़क को लेकर ग्रामीणों ने पहले लोक निर्माण विभाग से फरियाद की थी, लेकिन सुनी नहीं गई. तब पीएमओ दफ्तर तक आवाज पहुंचाने के लिये पत्र भेजा गया.
छात्रों के लिये मुसीबत
इसके जरिये यहां पर खुले केंद्रीय विद्यालय का हवाला देते हुए बताया गया कि इस खस्ताहाल सड़क से छात्र किस तरह से वाहनों से अपने स्कूल पहुंच पाएंगे. इस सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से भी संवेदनशील बताया गया और लंबे प्रयासों के बाद सड़क मरम्मत का कार्य पूरा तो हुआ, लेकिन चंद महीने बीत जाने के बाद सड़क कार्य गुणवत्ता की पोल खोलकर सड़क पर हुई पेंटिंग की हक्कीत बयां करने लगी, जिसके बाद सवाल अब भी बरकरार है कि छात्र किस तरह से इस सड़क से सफर तय कर आखिर कैसे स्कूल पहुचेंगे? वहीं, इसके अलावा जिले की अन्य सड़कों की हालत भी डामरीकरण और पेंटिंग के बाद फिर से पूर्व की तरह खस्ताहाल हो चुकी हैं.
सड़कें खुद ही खोल रही हैं भ्रष्टाचार की पोल
यहां कंडोलिया टेका मार्ग से कल्जीखाल घंडियाल मार्ग को जाने वाली सड़क के भी हाल इसी तरह के हैं. इस सड़क पर भी हुई पेंटिंग एक माह भी नहीं टिक पाई. ग्रामीणों ने इस लापरवाही पर अब पूर्व में जिलाधिकारी से भी मुलाकात की, लेकिन जांच का हवाला देकर इसे भी टाल दिया गया, जिसका खामियाजा ग्रामीण अब तक दुर्घटनाओं के लिहाजे से संवेदनशील हो चुकी सड़क से सफर तय कर भुगत रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप रहा है कि खराब केमिकल और हॉट मिक्स के कार्य में लापरवाही का नतीजा रहा, जो सड़क महीने भर भी नहीं टिक पाई. इसके साथ ही साथ कंडोलिया सर्किट हाउस मार्ग समेत कई मार्ग ऐसे हैं. जिन पर हाल ही में पेटिंग कार्य लोक निर्माण विभाग ने किया, लेकिन सड़के गुणवत्ता और भ्रष्टाचार को अब खुद उगलने लगी हैं. वहीं, नवनिर्मित सड़कों की खस्ताहालत पर अब जिलाधिकारी ने संज्ञान लिया है और कार्य गुणवत्ता की जांच करवाने की बात भी कही है. जिलाधिकारी ने बताया कि, कार्य गुणवता की जांच खराब पायी गयी तो उचित कार्रवाई भी अमल में लायी जायेगी.
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