UP News: उत्तर प्रदेश में इस हफ्ते के आखिरी तीन दिन छुट्टी रहेगी.  शनिवार और रविवार के अलावा, अब शुक्रवार को भी सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न संगठनों की मांग और शुक्रवार को नवमी का त्योहार  पड़ने के दृष्टिगत आवश्यक सेवाओं को छोड़ते हुए 11 अक्टूबर ( 11/10/2024) को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने के निर्देश दिये हैं. इस आशय की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय ने दी.


मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल रामनवमी के अवसर पर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के लिए अवकाश घोषित करने की घोषणा की है. ऐसे में अब शुक्रवार नवमी के दिन परिषदीय विद्यालय बंद रहेंगे. बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया है.


शारदीय नवरात्रि पर बृहस्पति-सूर्य और शनि का खास संयोग
नवरात्रि में मां शक्ति के नौ रूपों की पूजा इस दौरान होती है. इस बार की शारदीय नवरात्रि पर बृहस्पति-सूर्य और शनि का खास संयोग भी बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि इस तरह का खास संयोग जो ग्रह करेंगे, ऐसे ही संयोग में प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होता है. यानी तब ये ग्रह मिलकर कुंभ के आयोजन के समय ऐसा संयोग बनाते हैं कि अमृत की वर्षा होती है. ऐसा ही कुछ इस बार भी मां अपने आगमन के साथ पृथ्वी पर करने वाली हैं. ऐसे में देवी मां की आराधना करने वाले भक्तों पर इस बार वह अमृत वर्षा करेंगी और सबको हर तरफ से लाभ होगा.


महाकुंभ से खास कनेक्शन
दरअसल, महाकुंभ मेले के आयोजन को लेकर सभी जानते हैं कि यह बृहस्पति के राशि परिवर्तन पर निर्भर करता है. बृहस्पति के बारे में सभी जानते हैं कि इस ग्रह को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में 1 साल का वक्त लगता है और एक साल के हिसाब से उसे अपनी स्वराशि में वापस आने में पूरे बारह साल लगते हैं. ऐसे में 12 साल बाद पृथ्वी पर महाकुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.दूसरी तरफ यह भी मान्यता है कि पृथ्वी का एक साल देवताओं के लिए एक दिन के बराबर होता है. ऐसे में हम वेदों में पढ़ते रहे हैं कि देवताओं और असुर के बीच युद्ध 12 वर्ष तक चलता रहा, यह पृथ्वी की गणनाओं के अनुसार है. इससे भी जोड़कर महाकुंभ के आयोजन को देखा जाता है कि इस युद्ध की अवधि 12 साल थी. इस वजह से 12 साल बाद कुंभ का आयोजन किया जाता है.


देवताओं के 12 साल पृथ्वी के 144 साल के बराबर होते हैं. ऐसे में यह भी माना जाता है कि पृथ्वी पर 12 साल में और स्वर्ग में कुंभ मेले का 144 साल बाद आयोजन किया जाता है. ऐसे में इस बार मां शक्ति की अमृत वर्षा से महाकुंभ के स्नान के बराबर कृपा मिलने वाली है. ऐसे में हर किसी को पूरी श्रद्धा, भक्ति और साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए मां की पूजा और अर्चना करनी चाहिए.


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