उत्तर प्रदेश: एक तरफ योगी सरकार परिषदीय स्कूलों को कान्वेंट के तर्ज पर विकसित करने में लगी है. इन स्कूलों की कायाकल्प योजना से तस्वीर बदलने का प्रयास कर रही है. तो दूसरी तरफ कुछ लोगों को विद्या के ये मंदिर सार्वजनिक शौचालय बनाने लायक जगह दिखते हैं. प्रदेश की कई ग्राम पंचायतों ने परिषदीय स्कूलों के परिसरों में सार्वजनिक शौचालय बना दिए या बनवा रहे हैं. इसे लेकर वहां की जनता, छात्र छात्राएं, शिक्षक सभी परेशान हैं.
परेशान जनता ने बेसिक शिक्षा मंत्री तक कि शिकायत
असल मे प्रदेश की ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक शौचालय बनवाने की जिम्मेदारी प्रधान पास है. कई जगह प्रधानों ने सार्वजनिक शौचालय बनवाने के लिए सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों की जमीन पर कब्जा कर लिया है. इससे परेशान लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी तक शिकायत की है. बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के कई ग्राम पंचायतों से आम जनता, विद्यार्थियों और शिक्षकों के माध्यम से ऐसी ही शिकायते मिली है.
मंत्री ने तत्काल लगाई निर्माण पर रोक, जिम्मेदार प्रधानों पर होगी कार्रवाई
मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री के आदेश पर सभी डीएम, जिला पंचायत अधिकारी और बीएसए को निर्देश दिए गए हैं ग्राम पंचायतों से बनाए जा रहे है. सार्वजनिक शौचालय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के परिसरों में ना बनाये जाएं. मंत्री ने कहा कि स्कूल के परिसर सिर्फ विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के उपयोग के लिए है. स्कूल परिसर में सार्वजनिक शौचालय से विद्यार्थियों व शिक्षकों को असुविधा होगी.
स्कूल बंद होने के बाद गांव के लोग भी उसका उपयोग नहीं कर पाएंगे. इस मामले में जिन ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने ऐसा किया उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.सिद्धार्थनगर, गोंडा, जौनपुर, पश्चिम, बिजनौर, बुलंदशहर समेत तमाम जगह से शिकायतें आयी हैं.
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