वाराणसी. पुलवामा हमले के दो साल बीत जाने के बाद भी शहीदों के परिजनों से किए गए वादे पूरे नहीं हो पाए हैं. पुलवामा की बरसी पर पुलवामा हमले में शहीद हुए रमेश यादव के गांव में तिरंगा यात्रा निकाली गई. तिरंगा यात्रा में रमेश यादव को याद तो किया गया. साथ ही लोगों ने निराशा भी देखी गई. उसकी वजह है शहीद परिवार से किए गए वादे, जो अभी तक पूरे नहीं हो सके हैं. इसके अलावा शहीद की याद में गांव में हुए कार्यक्रम के दौरान कोई भी सरकारी अधिकारी उपस्थित नहीं था.


रमेश यादव की याद में हुई कबड्डी प्रतियोगिता
शहीद रमेश यादव की याद में उनके गांव में कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. इसके अलावा युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकालकर देश के लिए कुर्बान होने वाले शहीद रमेश यादव को याद किया. शहीद के गांव में उन्हें याद करने के लिए ग्रामीणों का जमघट लगा था, लेकिन न तो कोई प्रशासनिक अधिकारी यहां पहुंचा और न ही राजनीति के किसी नुमाइंदे ने यहां हाल पूछने की जहमत उठाई.


अभी तक नहीं बना स्मारक और द्वार
इसके अलावा रमेश यादव की के नाम से स्मारक और द्वार बनवाने का वादा किया गया था, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ है. अब ग्रामीणों ने अपने शहीद भाई के नाम पर द्वार बनवाने की ठानी है. परिवार और ग्रामीणों में प्रशासनिक व्यवहार को लेकर निराशा है.


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