Tirupati Prasadam Controversy: आंध्र प्रदेश के श्री तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसाद से जुड़े पवित्रता मामले को लेकर उठे सवाल के बाद अब सनातन धर्म के लोगों द्वारा इसके प्रायश्चित को लेकर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. हिंदू संस्कृति का केंद्र माने जाने वाले काशी में प्रसाद शुद्धिकरण को लेकर पंचगव्य प्राशन विधि शुरू की गई है. इसके आधार पर जिन लोगों ने भी भूल वश अशुद्ध प्रसाद को ग्रहण कर लिया होगा उन्हें पंचगव्य से शुद्ध किया जाएगा. यह पूरी तरह से निशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है.


काशी में शुद्धिकरण कराने वाले तुलसी संजय ने कहा कि, प्रतिवर्ष हमारे परिजन सनातन आस्था का सबसे बड़ा केंद्र श्री तिरुपति बालाजी मंदिर जाते हैं. बीते दिनों वहां से आई खबरों से करोड़ो सनातन धर्म के लोग आहत हैं. यह खबर ऐसी है कि अगर हम किसी से कहते हैं तो दुख और बढ़ता है. हमारे विराट सनातन संस्कृति ने ऐसी अनेक चुनौतियों का मजबूती से सामना किया है. अब धर्म नगरी काशी में एक प्राचीन विधि अनुसार हम लोगों ने शुद्धिकरण कराने का फैसला लिया हैं. पंचगव्य प्राशन के माध्यम से लोग प्रसाद शुद्धिकरण जैसे संकल्प को ले सकते हैं.  यह पूरी तरीके से निशुल्क है. जिन लोगों को भी लगता है कि उन्हें शुद्धिकरण करना चाहिए वह पंचगव्य प्राशन विधि अपना सकते हैं.


वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ हो रहा शुद्धिकरण
शुद्धिकरण करने वाले पुरोहित श्रीकांत जोशी ने कहा कि, देश के साथ-साथ विदेश में भी रहने वाले सनातन धर्म के लोगों के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर से आई खबर आहत करने वाली है. इसीलिए वैदिक मंत्रोचारण के साथ पंचगव्य प्राशन के माध्यम से शुद्धिकरण कराया जा रहा है. पंचगव्य को गंगाजल, गौ मूत्र, घी, दही, शहद से तैयार किया जा रहा है. इसकी मदद से ही निशुल्क लोगों को शुद्धिकरण कराया जा सकेगा.


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