उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही ईदगाह को हटाने के संबंध में दाखिल की गई याचिका में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा भी एक पक्ष बनेगी. इस संबंध में महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों की शुक्रवार को ऑनलाइन बैठक हुई. इस बैठक के बाद ये निर्णय लिया गया.
बैठक में क्या लिया गया निर्णय?
ऑनलाइन बैठक में कार्यकारिणी के चार दर्जन से अधिक सदस्यों ने भाग लिया. महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्व में महासभा ने इस मामले को अदालत में उठाए जाने को लेकर ऐतराज़ उठाया था. साथ ही आशंका जताई थी कि कुछ बाहरी तत्व इस मामले को उठाकर मथुरा शहर के शांत माहौल को मंदिर-मस्जिद के नाम पर बिगाड़ना चाहते हैं. लेकिन, अब इस विषय पर विचार कर यह तय किया गया है कि सनातन धर्म के संबंध में सभी के हितों को देखते हुए अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा को भी इस मामले में अपनी बात अदालत के समक्ष रखनी चाहिए.
इससे पहले दर्ज कराया गया था मामला
जानकारी के लिए बता दें कि रंजना अग्निहोत्री सहित आधा दर्जन कृष्ण भक्तों ने मथुरा के सिविल जज (प्रवर वर्ग) की अदालत में विराजमान भगवान श्रीकृष्ण की ओर से उनके सखा के रूप में यह मामला दर्ज कराया था. इस मामले में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि हरिद्वार की हर की पौड़ी का नाम बदलने के विरोध में दिवाली के बाद महासभा द्वारा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में धरना देने का निर्णय किया गया है.
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