लखनऊ, अनुभव शुक्ला।  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का फोकस प्रदेश में बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने पर है। और इसी के तहत रोड कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाने पर सरकार का फोकस है। । योगी सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में ''पूर्वांचल एक्सप्रेस वे'' सबसे ऊपर है और इस एक्सप्रेस वे का काम काफी तेजी से चल रहा है। यह उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा। इस पूरे एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 340 किलोमीटर होगी। इस पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण का जिम्मा यूपीडा को मिला है और यूपीडा के चेयरमैन अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि इस एक्सप्रेस वे को रिकॉर्ड 30 महीने में ही पूरा कर लिया जाएगा और आम लोगों के लिए इसे 2020 तक खोल भी दिया जाएगा। हालांकि इस पूरे एक्सप्रेसवे का काम पहले 36 महीने में पूरा होना था लेकिन सरकार की प्राथमिकता को देखते हुए अब इसके निर्माण कार्य में और तेजी लाई गई है और इसे अब 30 महीने में ही पूरा कर दिया जाएगा ।


इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद पूर्वांचल के जिलों की राजधानी लखनऊ से रोड कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।  यह एक्सप्रेस वे बाराबंकी, अमेठी ,सुल्तानपुर ,फैजाबाद अंबेडकरनगर आजमगढ़ ,मऊ होते हुए गाजीपुर तक जाएगा। इस पूरे एक्सप्रेस वे को आठ अलग-अलग पैकेजो  में बांटा गया है।  एक्सप्रेस  वे के निर्माण पर कुल लागत तकरीबन 11,216 करोड़ के आसपास आएगी। इस एक्सप्रेस-वे के मेन कैरिज वे का काम 24 महीने में ही पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 97 फ़ीसदी क्लीयरिंग का काम पूरा हो चुका है।  साथ ही 98 फीसदी जमीन अधिग्रहित भी की जा चुकी है। यूपीडा के चेयरमैन अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।