लखनऊ: पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित होगा. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ये ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. अब प्रदेश की योगी सरकार अप्रैल में इसे आम लोगों के लिए खोलकर प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है. सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का 5 जिलों में स्थलीय निरीक्षण किया और इसके निर्माण में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये. मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल में इसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.


8 लेन तक एक्सटेंड किया जा सकता है


उत्तर प्रदेश में देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण यूपीडा करा रही है. इसकी कुल लंबाई 341 किलोमीटर है. ये 6 लेन का एक्सप्रेस-वे होगा, जिसे 8 लेन तक एक्सपेंड किया जा सकता है. इस एक्सप्रेस वे के जरिए पूर्वांचल के विकास का रास्ता खुलेगा. यह उत्तर प्रदेश के 9 जिलों को जोड़ेगा, जिनमें लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, अम्बेडकरनगर, सुल्तानपुर, आज़मगढ़, मऊ और गाजीपुर शामिल हैं. लखनऊ से शुरू होकर ये पूर्वांचल एक्प्रेसवे गाजीपुर तक जाएगा. 341 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे को बनाने में कुल खर्चा तकरीबन 22,490 करोड़ के आसपास आ रहा है.


देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे


इस एक्सप्रेस-वे से पहले आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे रहा है. हालांकि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के शुरू हो जाने के बाद देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे वही हो जाएगा. आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे अगर अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था, तो यह पूर्वांचल एक्सप्रेस वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है.


आगरा एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की तुलना


लखनऊ से आगरा के बीच बनाया गया आगरा एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 302 किलोमीटर है और इसका कुल बजट 15000 करोड़ से ज्यादा का था, इसकी चौड़ाई 110 मीटर है. यह एक्सप्रेस वे भी सिक्स लेन एक्सप्रेस-वे है, जिसे एयरप्लेन तक एक्सटेंड किया जा सकता है, वहीं, एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 3500 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था. इस आगरा एक्सप्रेस-वे में 13 बड़े, 52 छोटे पुल और चार ROB बने हैं, वहीं, 132 फुट ओवरब्रिज बनाए गए हैं और 59 अंडरपास भी बने हैं. इस एक्सप्रेस-वे पर तकरीबन 3 किलोमीटर का रोड रन वे यानी एयरस्ट्रिप भी बनाई गई है, जहां आपातकालीन स्थिति में लड़ाकू विमान उतर सकें. वहीं, पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की बात करें तो इसमें तकरीबन 5 किलोमीटर लंबा रोड रनवे तैयार किया गया है. इसमें सात रेलवे ओवरब्रिज हैं, 7 बड़े पुल हैं, 110 छोटे पुल हैं, 11 इंटरचेंज हैं, 2 टोल प्लाजा हैं, 5 रैंप प्लाजा है. 20 टोल बूथ है, 220 अंडर पास है और 492 पुलिया का निर्माण किया गया है. इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए 4500 हेक्टेयर जमीन का सरकार ने अधिग्रहण किया और भूमि अधिग्रहण के लिए 7400 करोड़ रुपए मुआवजे के तौर पर दिए. जबकि आगरा एक्सप्रेस-वे में मुआवजे के तौर पर तकरीबन 2900 करोड़ ही दिए गए थे.


समय से पहले होगा पूरा


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास दो हजार अट्ठारह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था और तब 36 महीने में इसका निर्माण पूरा होना था, लेकिन 2020 में जब कोरोना आया, उसके बावजूद भी इस एक्सप्रेस-वे का काम नहीं रोका गया और अब इसे तय समय से पहले ही अप्रैल में आम लोगों के लिए खोलने की सरकार की तैयारी है, उन्होंने कहा कि समय से पहले काम होने से पैसे की भी बचत हुई है.


सभी मुख्यमंत्रियों के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामल रहे एक्सप्रेस-वे


उत्तर प्रदेश में सरकार चाहे जिसकी रही हो, मुख्यमंत्री चाहे कोई भी रहा हो, लेकिन एक्सप्रेस वे सभी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहे हैं. मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट यमुना एक्सप्रेस-वे था जिसकी कुल लंबाई 165 किलोमीटर थी और उस पर तकरीबन 12 हजार 500 करोड़ का खर्च आया था, तो वहीं अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट आगरा एक्सप्रेस-वे था, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे है जिसे लेकर सरकार की तैयारी है कि 4 साल का कार्यकाल पूरा होने पर इस एक्सप्रेस वे को शुरू करके प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात दी जाए.


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