Pushkar Singh Dhami: बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर हो रही सियासत के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कांग्रेस पर ज़ोरदार हमला किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस बाबा भीमराव अंबेडकर के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रही है और उनकी विरासत का अपमान करने वाली अपनी पुरानी नीतियों को छुपाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कांग्रेस पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के प्रति हमेशा अपमानजनक रवैया अपनाया. उन्हें संविधान सभा का सदस्य बनने से रोकने की कोशिश की यही नहीं 1952 के लोकसभा चुनाव और 1954 के उपचुनाव में बाबा साहब को हराने का काम किया. उन्हें कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया और उनके योगदान को कभी सम्मान नहीं दिया. बाबा साहब ने अपने इस्तीफे में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ लिखा था कि केवल मुसलमानों की चिंता की गई, लेकिन अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को उचित संरक्षण प्रदान नहीं किया गया.
कांग्रेस पर अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया
धामी ने कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर को भारत रत्न, पद्म भूषण या पद्मश्री जैसे सम्मान तक नहीं दिए. जब भी कोई बड़ा नेता देश छोड़कर जाता है, तो उसकी विरासत को संजोया जाता है. लेकिन, कांग्रेस ने बाबा साहब की स्मृतियों को कभी महत्व नहीं दिया. मध्य प्रदेश में उनके जन्मस्थान पर स्मृति का निर्माण भाजपा शासनकाल में हुआ, जिसका उद्घाटन स्व. अटल बिहारी वाजपेयी ने किया. लंदन में बाबा साहब के निवास स्थान को स्मारक में तब्दील करना और दिल्ली स्थित अंबेडकर सेंटर का निर्माण भाजपा सरकार की उपलब्धियां हैं.
पीएम मोदी ने दिया बाबा साहब को सम्मान
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में बाबा साहब के योगदान को उचित सम्मान दिया गया है. नागपुर की दीक्षा भूमि और मुंबई की चौत्य भूमि में भी स्मृतियां बनाई गई हैं. इसके विपरीत कांग्रेस ने केवल अड़चनें डालीं और नेहरू-गांधी परिवार के नाम पर सैकड़ों स्मारक, अस्पताल और सड़कें बनाईं. सीएम धामी ने अमित शाह को सरदार वल्लभभाई पटेल के बाद देश का सबसे मजबूत गृहमंत्री बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देशहित में ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जिनमें अनुच्छेद 370 को हटाना प्रमुख है.
धामी ने कहा कि जनता कांग्रेस के पाखंड को समझती है. कांग्रेस ने बाबा साहब के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले नारायण सदोबा काजरोलकर को पद्म भूषण से सम्मानित किया, जबकि बाबा साहब को किसी भी सरकारी सम्मान से वंचित रखा। उन्होंने कांग्रेस पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया. कांग्रेस का यह पाखंड लंबे समय तक नहीं चलेगा और जनता उन्हें उचित जवाब देगी.
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