उत्तराखंड के सीएम धामी के मुख्यमंत्री के रूप में तीन साल पूरे, X पर ट्रेंड हुए महत्वपूर्ण फैसले
Uttarakhand News: सीएम पुष्कर सिंह धामी को 4 जुलाई 2021 को पहली बार बीजेपी आलाकमान ने राज्य की बागडोर सौंपी थी. युवा धामी के नेतृत्व क्षमता को लेकर तब अटकलों और चर्चाओं का दौर चला था.
Pushkar Singh Dhami News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम के रूप में गुरुवार (4 जुलाई) को तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. इन तीन वर्षों में सीएम धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता को लागू करने सहित नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण कानून जैसे तमाम बड़े फैसले लिए. तो वहीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये धामी प्रदेश में बड़े निवेश को भी आकर्षित करने में कामयाब रहे. सीएम धामी के कार्यकाल के 3 वर्ष पूर्ण पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर आज सुबह से ही #DhakadDhamike3saal ट्रेंडिंग रहा.
पुष्कर सिंह धामी को 4 जुलाई 2021 को पहली बार बीजेपी आलाकमान ने राज्य की बागडोर सौंपी थी. युवा धामी के चयन और नेतृत्व क्षमता को लेकर तब तमाम तरह की अटकलों और चर्चाओं का दौर चला, लेकिन इरादों के पक्के धामी ने अपने छोटे से कार्यकाल से ही तब दर्शा दिया था कि वे लंबी रेस के लिए तैयार हैं. नतीजा ये रहा कि सीएम धामी के नेतृत्व में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्य की सत्ता में लगातार दूसरी बार कोई दल सत्ता में लौटा.
सीएम धामी ने अपनी दूसरी इनिंग की शुरुआत करने से पहले ही जनता जनार्दन से सत्ता में आने पर समान नागरिक सहिंता को प्रदेश में लागू करने का वादा किया और इस वर्ष सम्पन्न हुए लोकसभा चुनावों से पहले धामी ने इस निर्णय को धरातल पर उतारते हुए देश में वो कर दिखाया, जो आज तक किसी राज्य ने नहीं किया. उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां समान नागरिक सहिंता लागू है.
सीएम धामी के इन फैसलों की रही चर्चा
समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना उत्तराखंड
प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया गया.
उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए धर्मांतरण कानून लाया गया.
प्रदेश में दंगा रोधी कानून को लागू किया गया है.
लैंड जेहाद पर कार्यवाही करके देवभूमि उत्तराखंड में सुख, शांति और अमन-चैन सुनिश्चित किया है। लैंड जिहाद के तहत की गई कार्यवाही के दौरान प्रदेश में करीब 5 हजार एकड़ सरकारी भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया है.
सरकारी नौकरी में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण लागू किया.
राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके सभी आश्रित पात्रों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का निर्णय लिया गया.
राज्य में निःशुल्क जांच योजना के तहत मरीजों को 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचों की निशुल्क सुविधा दी जा रही है.
आयुष्मान योजना के तहत उत्तराखंड में इस योजना के तहत 55 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाएं जा चुके हैं, जिसमें से 9 लाख 11 हजार मरीजों का निःशुल्क उपचार किया जा चुका है.
उत्तराखंड नई शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू करने वाला राज्य बना.
नारी सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत महिलाओं को प्रोजेक्ट कॉस्ट का 30 प्रतिशत या एक लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की जा रही है.
उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में विभिन्न देशों के उद्योगपतियों द्वारा 3.56 लाख करोड़ के 1,779 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं. राज्य सरकार 20 फीसदी करार को धरातल पर उतार चुकी है.
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