रायबरेली में तीन मंत्रियों के समूह ने बुधवार को एम्स पहुंचकर निरीक्षण किया. ये मंत्री हिंदी पखवाड़े के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. मंत्री के निरीक्षण के दौरान एम्स की पोल उस समय खुल गई, जब एक पीड़ित युवती रोते हुए मंत्री से अपने परिजन के इलाज की गुहार लगाने लगी. युवती ने बाहर से दवाएं लिखने का भी आरोप लगाया. जिसके बाद मंत्री जितिन प्रसाद ने वहां के अधिकारियों व डॉक्टरों को समुचित इलाज करने का निर्देश दिया. उन्होंने एम्स की चिकित्सा व्यवस्था को और हाईटेक बनाने की बात भी कही.
दरअसल, मंत्री के सामने एक पीड़ित युवती रोते हुए ठीक चिकित्सा की गुहार लगाने लगी. युवती ने रोते हुए मंत्री से कहा कि अपने बूढ़े पिता को यहां इलाज के लिए लायी है, लेकिन यहां के डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी इधर से उधर भेज रहे हैं. कोई भी यहां भर्ती करने के लिए तैयार नहीं है. यहां दवाएं भी उपलब्ध नहीं है. इस पर युवती को शांत कराते हुए जितिन प्रसाद ने एम्स के डॉक्टरों को समुचित इलाज करने का निर्देश दिया.
कार्यक्रम में हुए शामिल
पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद, राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल, मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुंशीगंज स्थित एम्स अस्पताल पहुंचे. वहां आयोजित कार्यक्रम में मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि केंद्र की सरकार हो या फिर प्रदेश की सभी का एक ही संकल्प है कि वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी वाला मेडिकल ट्रीटमेंट सब को मुहैया हो और अस्पतालों की सुविधाएं भी बेहतर हो.
कार्यक्रम के बाद मंत्रिमंडल समूह द्वारा गजट तैयार किया गया. जिसमें कहा गया कि हमारे साथ हमारे साथी कपिल देव अग्रवाल और मयंकेश्वर शरण सिंह के साथ हम लोगों ने रायबरेली दौरा किया है. कल केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओ की समीक्षा की गई थी. आज भी ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टिट्यूट साइंसेस रायबरेली में आने का अवसर मिला है. यहां के व्यवस्था की पूरी विस्तृत जानकारी ली गई है. जो भी समस्या है उसे दूर किया जाएगा.
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