लखनऊ. एक तरफ कोरोना के गिरते आंकड़ों से लोगों ने राहत की सांस ली, तो दूसरी तरफ बिना जांच किये ही सामने आ रही कोविड-19 रिपोर्ट ने लोगों को परेशान कर दिया है. लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तरफ से जिला क्षय रोग अधिकारी व RRT के प्रभारी को भेजे गए पत्र से भी ये खुलासा हुआ है कि RRT टीम बिना जांच के ही पोर्टल पर डेटा अपलोड कर दे रही है. ऐसे में कोरोना के आंकड़े सवालों के घेरे में आ गए हैं. एक मामला ऐसा भी सामने आया है, जिसमे 20 साल पहले मर चुके व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट अपलोड कर दी गई. ये एक केस नहीं कई मामले सामने आये हैं. पढ़ें ये चौंकाने वाली रिपोर्ट.
सीएमओ के पत्र से हुआ खुलासा
लखनऊ के CMO डॉ. संजय भटनागर ने 13 अक्टूबर को एक पत्र जिला क्षय रोग अधिकारी जो कोविड 19 RRT के प्रभारी हैं, को लिखा. इसमे 12 अक्टूबर को हुई अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य की समीक्षा बैठक का हवाला दिया गया. CMO ने लिखा कि ऐसे मामले संज्ञान में आ रहे हैं कि RRT के कर्मी व्यक्तियों की वास्तविक जांच किये बिना ही उनका डेटा संबंधित पोर्टल पर अपलोड कर दे रहे हैं. इतना ही नहीं पत्र में सैंपलिंग की क्वालिटी पर भी सवाल उठाए गए हैं. इसमे साफ कहा गया है कि सैंपल की क्वालिटी सही न होने पर जांच रिपोर्ट प्रभावित हो सकती है. इतना ही नहीं एंटीजन किट्स के वितरण और भंडारण का अभिलेखीकरण भी सही से नहीं किया जा रहा है. वहीं, विपक्ष भी इस मामले को लेकर हमलावर है.
गड़बड़ी के कई मामले सामने आये
अक्टूबर में ही स्वास्थ्य विभाग ने दो ऐसे लोगों की कोविड नेगेटिव रिपोर्ट अपलोड कर दी थी जो अमेरिका में थे. एक ऐसे व्यक्ति की भी नेगेटिव रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड कर दी जिनकी मौत 20 साल पहले हो चुकी. मामले की जांच भी चल रही है. असल में राजाजीपुरम के सेक्टर डी में किराए के मकान में रहने वाले आश्रय की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद 8 अक्टूबर को सुबह स्वास्थ्य विभाग के टूड़ियागंज अस्पताल की टीम परिवार के बाकी लोगों की जांच करने घर पहुंची. आश्रय की पत्नी और 2 बेटों का सैंपल लिया. आश्रय ने जब वेबसाइट से कोविड रिपोर्ट डाउनलोड की तो उसमें 3 की जगह 8 लोगों की रिपोर्ट थी. आश्रय ने बताया इसमें मकान मालिक के परिवार के दो लोग अमेरिका में हैं.
इतना ही नहीं मकान मालिक के पिता जिनका करीब 20 साल पहले निधन हो चुका है उनकी भी कोविड रिपोर्ट निकली, जिसमें उन्हें नेगेटिव दिखाया गया. इसके अलावा दो अन्य महिलाओं के नाम की रिपोर्ट भी उसी पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आ गयी जिनको वो जानते तक नहीं. आश्रय ने बताया कि गड़बड़ी सामने आने के बाद टीम उनके पास पहुंची और माफी मांगी थी. ऐसे ही एक मामले में एक कर्मचारी को निलंबित भी किया जा चुका है.
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