आशापुर-सारनाथ पुल की लंबाई पर खड़े हुये सवाल, सेतु निर्माण निगम के अफसर दे रहे सफाई
वाराणसी में रेलवे ओवर ब्रिज को लेकर अब सेतु निर्माण निगम सवालों के घेरे में है. पुल की लंबाई को लेकर अफसरों ने मनमानी की है. स्थानीय पूर्व प्रधान ने कई आरोप लगाएं हैं.
वाराणसी: वाराणसी का आशापुर सारनाथ आरओबी सवालों के घेरे में है. सवाल है कि, आरओबी की लंबाई को कम किया गया है. आरोप हैं 682 मीटर लंबाई का डीपीआर बना लेकिन 635 मीटर पुल का निर्माण हुआ है. अधिकारी आरोपों को निराधार बता रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है.
विवादों का पुल
वाराणसी का ऐसा पुल जो जनता की जरूरत है. ऐसा पुल जो गाजीपुर मार्ग को जोड़ता है. अब इस आरओबी का काम पूरा हो गया है, लेकिन पुल का निर्माण सवालों के घेरे में है. 635 मीटर निर्माण का है, पुल की लंबाई 235 मीटर है. 14 जून 2021 की रिपोर्ट के अनुसार मौके पर 682 मीटर का काम पूरा किया गया है. स्थानीय पूर्व ग्राम प्रधान नागेश्वर मिश्र ने आरोप लगाए, पत्राचार भी किया लेकिन न तो सुनवाई हुई और न ही पुल को आगे बढ़ाने का प्रयास हुआ.
सवालों के घेरे में सेतु निर्माण निगम
सेतु निर्माण निगम पर कोई पहला आरोप नहीं है. इससे पहले भी पुल को लेकर कई आरोप लग चुके हैं. आपको 15 मई 2018 की तारीख याद होगी जब वाराणसी कैंट क्षेत्र में पुल हादसा हुआ था, तब भी सेतु निर्माण निगम पर कई आरोप लगे, कार्रवाई भी हुयी थी. इस पुल की लंबाई में बड़ा झाम है. जहां पुल के निर्माण के लिए मार्किंग हुयी थी, पुल इससे पहले ही उतार दिया गया. आरोप कई हैं और सेतु निर्माण निगम के अधिकारी दीपक गोयल ने इस पूरे मामले पर अपना पक्ष रखते हुए आरोपों को निराधार बता रहे हैं.
अगले निर्णय का इन्तजार
आधिकारिक तर्क तमाम हैं, लेकिन जमीन पर पुल की लंबाई कम है और पुल को जहां उतरना था उससे पहले उतारा गया है. अब देखना ये होगा कि अधिकारी तंत्र का इस पुल को लेकर अगला निर्णय क्या होता है?
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