उत्तराखंड में IFS की तैनाती पर उठ रहे सवाल, सरकार बोली- बदनाम करने वालों की जांच करेंगे
इस मामले में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग के कुछ अधिकारियों के द्वारा जान बूझकर इस मामले को उठाने का आरोप लगाया है.
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Uttarakhand News: उत्तराखंड में राजाजी नेशनल पार्क आईएफएस राहुल की तैनाती को लेकर मामला उठा है. सरकार पर कई आरोप लग रहे थे. इसके बाद उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने एक बयान जारी कर कहा है कि सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि आईएफएस राहुल की तैनती राजाजी नेशनल पार्क में नियम कानून के तहत हुई है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ना ही तो वन मंत्री यानी मुझे और ना ही प्रिंसिपल सेक्रेट्री फॉरेस्ट को ओवर रूल किया है. हम सब की मर्जी से और नियम के तहत ही IFS राहुल की तैनाती राजाजी नेशनल पार्क में डायरेक्टर के पद पर की गई है.
सुबोध उनियाल ने कहा कि अगर किसी के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है तो इसका मतलब यह नहीं है कि पूरा विभाग उसमें शामिल है, जांच चलने का मतलब यह नहीं है कि आदमी दोषी हो गया है. बहुत से लोगों के खिलाफ बहुत सी जांच चल रही है लेकिन दोष सिद्ध होने के बाद ही उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है. राज्य सरकार का भी यही मानना है कि अगर कोई दोषी है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा लेकिन किसी निर्दोष के खिलाफ कार्यवाही नहीं की जाएगी.
बदनाम करने की जांच होगी- वन मंत्री
वन मंत्री ने कहा कि अगर सीबीआई इस मामले में किसी को दोषी करार देती है तो राज्य सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी और ठोस कार्रवाई करेगी. एबीपी लाइव से उन्होंने कहा कि कुछ फॉरेस्ट के अधिकारीयों के खिलाफ विभाग को बदनाम करने के मामले में जांच होगी. वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विभाग के कुछ अधिकारियों के द्वारा जान बूझकर इस मामले को उठाने का आरोप लगाया है.
बता दें की पूरा मामला कॉर्बेट पार्क में हुए अवैध निर्माण से जुड़ा हुआ है. इस मामले के पहले विजलेंस की जांच हुई बाद में इस मामले को नैनीताल हाईकोर्ट ने सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था बाद ने इस मामले में ईडी ने भी अपनी जांच शुरू की थी. इस मामले में सीबीआई और ईडी पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से पूछताछ कर चुकी है.
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