कार्रवाई के नाम पर शराब माफिया के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने की रस्म अदायगी, अधिकारी बोले- नहीं होगा भेदभाव
यूपी के प्रपापगढ़ में शराब माफिया की संपत्ति के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंचे एसडीएम और सीओ रानीगंज ने महज रस्म अदायगी की. कार्रवाई के दौरान मीडिया कर्मियों को आसपास फटकने तक नहीं दिया गया.
प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में जहरीली शराब पीने से लगातार लोगों की मौतें हो रही हैं. सीएम योगी की सख्ती और अवैध कारोबार से अर्जित की गई संपत्तियों के जब्ती और ध्वस्तीकरण के फरमान के बाद पुलिस और प्रशासन रस्म अदायगी में लगा है. लगभग डेढ़ दर्जन मौतों के बाद प्रयागराज के फूलपुर में सरकारी शराब के ठेके जहरीली शराब बरामद की गई थी. जिसके बाद जिले के फतनपुर इलाके की राजा पाल की जहरीली शराब की फैक्ट्री सुर्खियों में आई.
मीडिया को रोका गया राजा पाल की संपत्ति के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंचे एसडीएम और सीओ रानीगंज ने महज रस्म अदायगी की. कार्रवाई के दौरान मीडिया कर्मियों को आसपास फटकने तक नहीं दिया गया. अन्य जिलों में इस तरह की कवरेज से माफियाओं में डर पैदा करने के लिए संदेश दिया जाता है लेकिन प्रतापगढ़ में ऐसी कार्रवाई को गोपनीय रखा जाता है.
भेदभाव नहीं बरता जाएगा बता दें कि, शराब माफिया के दो मंजिला मकान का छज्जा और सीढ़ी का कुछ हिस्सा गिराकर जेसीबी समेत पुलिस और प्रशासनिक अफसर वापस चले गए. शराब माफिया के दो मंजिला मकान की जो तस्वीरें सामने आई हैं वो पूरी कहानी बयां कर रही है. एसपी आकाश तोमर ने कहा कि अवैध तरीके अर्जित की गई संपत्ति को लेकर कार्रवाई की जाएगी. कोई भेदभाव नहीं बरता जाएगा.
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